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Mahashivratri 2023: 18 या 19 फरवरी, जानिए महाशिवरात्रि पर्व की सही तिथि और पूजा मुहूर्त

Mahashivratri 2023 प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। ऐसे में कई लोग तिथि को लेकर दुविधा की स्तिथि में हैं। आइए जानते हैं कि किस दिन मनाया जाएगा यह महा पर्व?

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraSat, 28 Jan 2023 03:18 PM (IST)
Mahashivratri 2023: 18 या 19 फरवरी, जानिए महाशिवरात्रि पर्व की सही तिथि और पूजा मुहूर्त
Mahashivratri 2023: जानिए महाशिवरात्रि पर्व की सही तिथि और पूजा समय।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Mahashivratri 2023: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर्व के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन शिव-पार्वती विवाह के पवित्र बंधन में बंधे थे। ऐसे में इस दिन की पूजा का विशेष लाभ मिलता है। लेकिन वर्ष 2023 में मनाए जाने वाले महाशिवरात्रि की तिथि को लेकर कई लोगों में दुविधा की स्थिति है। आइए ज्योतिषाचार्य मनोज थपलियाल जी से जानते हैं क्या है महाशिवरात्रि की सही तिथि।

महाशिवरात्रि 18 या 19 फरवरी कब? (When is Mahashivratri 2023?)

ज्योतिषाचार्य मनोज थपलियाल बताते हैं कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 18 फरवरी को शाम 06:32 बजे से होगा और इस तिथि का समापन 19 जनवरी 04 जनवरी को संध्या 02:48 मिनट पर होगा। महाशिवरात्रि की पूजा रात्रि के समय की जाती है, इसलिए शिवरात्रि व्रत 18 जनवरी 2023 के दिन रखा जाएगा। ज्योतिष पंचांग के अनुसार प्रथम प्रहर की पूजा शाम 06:21 बजे से प्रारंभ होगी और इसका समापन अगली सुबह 07 बजे होगा। निशिता पूजा का समय मध्य रात्रि 12:02 बजे से 12:47 बजे तक रहेगा।

महाशिवरात्रि पूजा का महत्व (Mahashivratri 2023 Importance)

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन की गई पूजा का फल कई प्रकार से साधकों को प्राप्त होता है। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से सभी दुख और पीड़ा दूर हो जाती है, साथ ही सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिल जाती है। जो भक्त इस दिन केवल 'ॐ नमः शिवाय' इस मूल मंत्र का भी जाप करते हैं, भोलेनाथ उनपर भी अपनी कृपा दृष्टि सदैव बनाएं रखते हैं। इस विशेष दिन पर शिव तांडव स्तोत्र और शिव चालीसा के पाठ का भी बहुत महत्व है। इन चमत्कारी स्तोत्र का पाठ करने से महादेव अपने भक्तों की सभी मनोकामाना पूर्ण कर देते हैं।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।