नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Mahashivratri 2023: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर्व के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन शिव-पार्वती विवाह के पवित्र बंधन में बंधे थे। ऐसे में इस दिन की पूजा का विशेष लाभ मिलता है। लेकिन वर्ष 2023 में मनाए जाने वाले महाशिवरात्रि की तिथि को लेकर कई लोगों में दुविधा की स्थिति है। आइए ज्योतिषाचार्य मनोज थपलियाल जी से जानते हैं क्या है महाशिवरात्रि की सही तिथि।

महाशिवरात्रि 18 या 19 फरवरी कब? (When is Mahashivratri 2023?)
ज्योतिषाचार्य मनोज थपलियाल बताते हैं कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 18 फरवरी को शाम 06:32 बजे से होगा और इस तिथि का समापन 19 जनवरी 04 जनवरी को संध्या 02:48 मिनट पर होगा। महाशिवरात्रि की पूजा रात्रि के समय की जाती है, इसलिए शिवरात्रि व्रत 18 जनवरी 2023 के दिन रखा जाएगा। ज्योतिष पंचांग के अनुसार प्रथम प्रहर की पूजा शाम 06:21 बजे से प्रारंभ होगी और इसका समापन अगली सुबह 07 बजे होगा। निशिता पूजा का समय मध्य रात्रि 12:02 बजे से 12:47 बजे तक रहेगा।
महाशिवरात्रि पूजा का महत्व (Mahashivratri 2023 Importance)
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन की गई पूजा का फल कई प्रकार से साधकों को प्राप्त होता है। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से सभी दुख और पीड़ा दूर हो जाती है, साथ ही सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिल जाती है। जो भक्त इस दिन केवल 'ॐ नमः शिवाय' इस मूल मंत्र का भी जाप करते हैं, भोलेनाथ उनपर भी अपनी कृपा दृष्टि सदैव बनाएं रखते हैं। इस विशेष दिन पर शिव तांडव स्तोत्र और शिव चालीसा के पाठ का भी बहुत महत्व है। इन चमत्कारी स्तोत्र का पाठ करने से महादेव अपने भक्तों की सभी मनोकामाना पूर्ण कर देते हैं।
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