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Maha Shivratri 2023: शिवरात्रि पर बन रहा है अत्यंत दुर्लभ संयोग, जरूर करें ये उपाय

Maha Shivratri 2023 महा शिवरत्रि के दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से धन-धान्य बल और बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन भगवान शिव और शनि देव की उपासना एक साथ की जाएगी। आइए जानते हैं-

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraSun, 29 Jan 2023 03:14 PM (IST)
Maha Shivratri 2023: शिवरात्रि पर बन रहा है अत्यंत दुर्लभ संयोग, जरूर करें ये उपाय
Maha Shivratri 2023: इस वर्ष महा शिवरात्रि पर की जाएगी भगवान शिव के साथ शनि देव की उपासना।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Maha Shivratri 2023 and Shani Pradosh Vrat: हिन्दू धर्म में भगवान शिव की उपासना के लिए शिवरात्रि पर्व को सर्वोत्तम माना जाता है। इस विशेष दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से सभी दुःख-दर्द दूर हो जाते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महा शिवरात्रि पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 18 फरवरी 2023, शनिवार (Maha Shivratri 2023 Date) के दिन मनाया जाएगा। बता दें कि महा शिवरात्रि के दिन अत्यंत दुर्लभ संयोग का निर्माण हो रहा है। इस दिन शिवरात्रि व्रत के शनि प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा। ऐसे में इस दिन साधको द्वारा की गई पूजा का फल कई गुना अधिक प्राप्त होगा। आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत पूजा का समय और शनि दोष से मुक्ति व भगवान शिव को प्रसन्न करने के कुछ खास उपाय।

शनि प्रदोष व्रत पूजा समय (Shani Pradosh Vrat 2023 Puja Time)

शास्त्रों में बताया गया है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना प्रदोष काल में की जानी चाहिए। जब प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ता है तो उसे शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार शनि प्रदोष व्रत के दिन पूजा का मुहूर्त संध्या 06 बजकर 45 मिनट से रात्रि 09 बजकर 01 मिनट के बीच निर्धारित है। इस अवधि में भगवान शिव की उपासना करने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

महा शिवरात्रि और शनि प्रदोष व्रत उपाय (Maha Shivratri 2023 Upay)

  • महा शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का अभिषेक, जल में काले तिल मिलाकर करें। ऐसा करते समय शिव पंचाक्षर मंत्र का जाप निरंतर करते रहें।

  • इस वर्ष महा शिवरात्रि के दिन शनि देव को भी उपासना करें और साथ ही शिव चालीसा व शनि चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से साधक की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

  • शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को 108 बेलपत्र व पीपल वृक्ष के पत्ते अर्पित करें। इसके साथ इस दिन उड़द दाल, अन्न, धन या वस्त्र का दान करें। ऐसा करने से शनि दोष का दुष्प्रभाव कम हो जाता है और सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

  • डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।