पंडितों ने किए सौ फीट लंबे शिव के दर्शन
कश्मीर के बांडीपोरा में पहाड़ों के बीच स्थित एक सौ पच्चीस फीट लंबी महाध्यानेश्वर गुफा में कश्मीरी पंडितों एक सौ फीट लंबे भगवान शिव की पूजा की। छोटा अमरनाथ के नाम से पंडित समुदाय में प्रचलित गुफा के दर्शनों के लिए पंडित प्राचीन समय भगवान शिव के दर्शन करते आ रहे हैं। विस्थापन के चलते महाध्
जम्मू, जागरण संवाददाता। कश्मीर के बांडीपोरा में पहाड़ों के बीच स्थित एक सौ पच्चीस फीट लंबी महाध्यानेश्वर गुफा में कश्मीरी पंडितों एक सौ फीट लंबे भगवान शिव की पूजा की। छोटा अमरनाथ के नाम से पंडित समुदाय में प्रचलित गुफा के दर्शनों के लिए पंडित प्राचीन समय भगवान शिव के दर्शन करते आ रहे हैं। विस्थापन के चलते महाध्यानेश्वर यात्रा बंद हो गई थी, जिसे शारदा माता ट्रस्ट व ऑल पार्टीज माइग्रेंट्स कोआर्डिनेशन कमेटी (एपीएमसीसी) ने पिछले वर्ष संयुक्त रूप से फिर से शुरू किया था। इस बार दोनों संगठनों ने मिल कर दूसरी बार यात्रा का आयोजन किया था।
जम्मू व श्रीनगर से काफी मात्रा में पंडित श्रद्धालु यात्रा के आधार शिविर कालूसा पहुंचे, जहां से यात्रा महाध्यानेश्वर की गुफा की ओर रवाना हो गए। यात्रा में काफी स्थानीय लोग भी शामिल हुए। 58000 फीट की उंचाई पर घने जंगलों के बीच स्थित भगवान शिव की महाध्यानेश्वर गुफा के दर्शनों के लिए पंडितों में अमरनाथ यात्रा के समान ही आस्था है। भगवान शिव की महाध्यानेश्वर गुफा में दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को एक सौ पच्चीस लंबी गुफा में रेंग कर ठंडे बर्फीले पानी में से गुजरना पड़ता है। गुफा की छत से वर्षभर दूध की शक्ल में अमृत टपकता रहता है, जिसे श्रद्धालु प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। श्रद्धालु का मानना है कि यह अमृत गाय के थनों से निकलता है।
एपीएमसीसी चेयरमैन विनोद पंडित इसे भगवान शिव का चमत्कार मानते हैं। एपीएमसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता किंग सी भारती ने यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यात्रा का आयोजन शारदा माता ट्रस्ट के प्रधान शारदा नंदन भट्ट व रतन लाल भट्ट के नेतृत्व में निकाली गई थी। एपीएमसीसी के चेयरमैन विनोद पंडित भी यात्रा में उनके साथ थे। एपीएमसीसी ने यात्रा के आयोजन में पूरा सहयोग दिया है। इससे पहले यात्रा पूरे एक महीने के लिए चला करती थी जब कश्मीरी पंडित सावन के महीने में भगवान शिव के दर्शनों के लिए छोटे-छोटे ग्रुपों में आया करते थे। ट्रस्ट व एपीएमसीसी ने हर वर्ष महाध्यानेश्वर यात्रा के आयोजन की संकल्प दोहराया है।
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