सिंहस्थ में शंकराचार्य का कैंप रुद्रसागर में रहेगा
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष कौन हैं नहीं जानता। यदि अखाड़ा परिषद पूर्व और वर्तमान में सक्षम होती तो वर्तमान में धर्म के नाम पर अराजकता नहीं होती।
उज्जैन। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष कौन हैं नहीं जानता। यदि अखाड़ा परिषद पूर्व और वर्तमान में सक्षम होती तो वर्तमान में धर्म के नाम पर अराजकता नहीं होती।
यह बात श्री गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंदजी सरस्वती ने बुधवार को यहां कही। वे हरसिद्धि धर्मशाला में धर्म संगोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होंने आरएसएस के मोहन भागवत के बयान पर कहा कि मुझे पता नहीं उन्होंने क्या कहा-फिर भी गौ हत्या रोकना असंभव नहीं है। असंभव जैसी कोई बात नहीं होती है। शंकराचार्य ने श्रद्धालुओं की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
सिंहस्थ में शंकराचार्य का कैंप रुद्रसागर में रहेगा। शंकराचार्य 4 से 21 मई तक सिंहस्थ में रहेंगे। इस बीच आने वाले शाही स्नान व पर्व स्नान करेंगे। शंकराचार्य महाराष्ट्र, झारखंड, उत्तरप्रदेश, राजस्थान होते हुए मप्र आए हैं। उज्जैन के बाद इंदौर व भोपाल में धर्मसभा व संगोष्ठियां होगी।
धर्म संगोष्ठी में पूर्व संभागायुक्त मोहन गुप्त, आनंदशंकर व्यास, महाकाल मंदिर प्रशासक आरपी तिवारी, नारायण उपाध्याय, सुध्ाीर चतुर्वेदी सहित लोग मौजूद थे।
इस मौके पर गुप्त ने मेला प्रशासन द्वारा रुद्रसागर में आवंटित पड़ाव अनुमति पत्र शंकराचार्य को सौंपा। शंकराचार्य ने महाकाल प्रवचन हॉल में भी धर्मसभा को संबोधित किया। यहां उनका नागरिक अभिनंदन भी किया गया।
यह भी बोले शंकराचार्य
स्वतंत्रता के बाद स्थापित लोकतंत्र में मैकाले प्रणाली सनातन धर्म के सिद्धांत व धर्म के विपरीत है।
पहले व्यापारी, राजनीतिक नहीं होता था। एक अव्वल दर्जे का व्यापारी अब राजनीतिक हो गया और योगी भी व्यापारी हो गया है।
स्वतंत्रता के बाद मठ, मंदिर भी सुरक्षित नहीं रहे हैं। व्यासपीठ को शासन तंत्र नियंत्रित कर रहा हैं।
विहिप के अशोक सिंघल ने धर्म संसद बनाई। धर्म संसद के संत उनके हाईकमान के सामने कार्यकर्ता हो गए। ऐसा संतों की परंपरा के विपरीत कैसे चलेगा।
थोड़े दिन प्रतीक्षा कीजिए कई दलों के अस्तित्व नहीं रहेंगे। भाजपा व कांग्रेस अपना शोधन करें।