मानवाधिकार आयोग पहुंची कौसरनाग यात्रा
कौसरनाग यात्रा की अनुमति न दिए जाने के उमर सरकार के फैसले के खिलाफ जम्मू विश्वविद्यालय के लॉ स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। कौसरनाग यात्रा की अनुमति न दिए जाने के उमर सरकार के फैसले के खिलाफ जम्मू विश्वविद्यालय के लॉ स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है। विद्यार्थियों ने यात्रा रोकने को धर्म की आजादी के मौलिक अधिकार का हनन बताते हुए याचिका राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजी है।
लॉ स्कूल के करीब दौ सौ विद्यार्थियों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। याचिका में विद्यार्थियों ने कहा है कि कौसरनाग यात्रा की अनुमति न देकर राज्य सरकार ने हिंदुओं की धार्मिक आजादी में कटौती कर दी है। कौसरनाग यात्रा का धार्मिक महत्व है और इसका जिक्र नील मत पुराण में भी आता है। याचिका के साथ कई समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों को भी संलग्न किया गया है। विद्यार्थियों ने कहा है कि डिप्टी कमिश्नर कुलगाम ने 21 जुलाई 2014 को यात्रा की अनुमति देने के साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए पर्याप्त प्रबंध करने के लिए कहा। अलगाववादी संगठन व राष्ट्र विरोधी तत्व सक्रिय हो गए और यात्रा का विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद सरकार अलगाववादियों के आगे झुक गई और यात्रा की अनुमति को रद कर दिया। याचिका में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से आग्रह किया कि राज्य सरकार को आदेश दिया जाए कि कौसरनाग की यात्रा की अनुमति दी जाए और श्रद्धालुओं की सुविधाओं व सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जाएं। यात्रा का विरोध करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
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