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'कौसरनाग धार्मिक स्थल को मजहबी रंग देना निंदनीय'

कश्मीरी हिंदुओं के सदियों पुराने धार्मिक स्थल कौसरनाग झील के किनारे निर्माणाधीन मस्जिद को लेकर समुदाय ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार की शह पर सोची समझी साजिश के तहत मुस्लिमों ने हिंदुओं के धार्मिक स्थल पर अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया है। समुदाय का मानना है कि मुस्लिम कट्

By Edited By: Published: Wed, 13 Aug 2014 01:10 PM (IST)Updated: Wed, 13 Aug 2014 03:35 PM (IST)

जम्मू, जागरण संवाददाता। कश्मीरी हिंदुओं के सदियों पुराने धार्मिक स्थल कौसरनाग झील के किनारे निर्माणाधीन मस्जिद को लेकर समुदाय ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार की शह पर सोची समझी साजिश के तहत मुस्लिमों ने हिंदुओं के धार्मिक स्थल पर अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया है। समुदाय का मानना है कि मुस्लिम कट्टरपंथी एक सोची समझी चाल के अंतर्गत कश्मीरी हिंदुओं के धार्मिक स्थलों पर कब्जे कर रहे हैं। उन्होंने पर्यटन स्थल करार दे कर पर्यावरण को होने वाले नुकसान का तकाजा करते हुए कश्मीरी हिंदुओं की यात्रा को अनुमति देकर रोकने को सरकार की साजिश बताया। पंडित समुदाय ने कुलगाम के विधायक व माकपा नेता मुहम्मद यूसूफ तारीगामी समेत उन अलगाववादी नेताओं से भी पूछा है कि कश्मीरी हिंदुओं के धार्मिक स्थल पर मस्जिद का निर्माण कर क्या वह इसे मजहबी रंग नहीं दे रहे? कौसरनाग यात्रा को रोकने के बाद माकपा नेता तारीगामी ने साफ शब्दों में कहा था कि कौसरनाग झील एक पर्यटन स्थल है और इसे मजहबी रंग नहीं देना चाहिए।

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कौसरनाग यात्रा का आयोजन करने वाली ऑल पार्टीज माइग्रेंट्स कोआर्डिनेशन कमेटी (एपीएमसीसी) ने कहा है कि कौसरनाग झील कश्मीरी हिंदुओं का सदियों पुराना धार्मिक स्थल है, जिसका वर्णन धार्मिक ग्रंथों व कल्हण की राजतरंगिनी में मिलता है। यहां पर न तो मंदिर था और न ही मस्जिद। अब कुछ लोग अपना अधिकार जमाने के लिए मस्जिद का निर्माण कर मुस्लिमों के धार्मिकस्थल होने का सुबूत पेश कर रहे हैं, जो निंदनीय है।

वहीं, पनुन कश्मीर के प्रधान अश्रि्वनी चरंगू ने कौसरनाग धार्मिक स्थल पर मुस्लिमों की ओर से मस्जिद बना कर किए गए कब्जे की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि जहां एक ओर सरकार कश्मीरी हिंदुओं की कौसरनाग यात्रा को रोककर पर्यावरण को बचाने की बातें कर रही है लेकिन दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय को वहां पर मस्जिद बनाने में पूरी मदद कर रही है। सरकार की दोगली नीति समझ से परे है। अगर सरकार अपने रवैये में स्पष्ट होती तो कौसरनाग धार्मिक स्थल जो कश्मीरी हिंदुओं का सबसे पुराना धार्मिक स्थल है, मस्जिद बनाने वालों के खिलाफ कड़ा कदम उठाती पर वहां पर ऐसा कुछ भी नहीं। स्वयं सरकार ही मस्जिद बनाने वालों का सहयोग कर रही है।

जम्मू-कश्मीर विचार मंच के महासचिव हीरा लाल भट्ट ने पंडितों के धार्मिक स्थल कौसरनाग पर मुस्लिमों की ओर से किए जा रहे कब्जे निंदा का विषय है। कौसरनाग धार्मिक स्थल का वर्णन धार्मिक ग्रंथों में मिलता है, जहां पर भगवान विष्णु ने वास किया था। वहीं पर जम्मू कश्मीर यूनाइटेड फ्रंट के नेता विजय कौल का कहना है कि उन्होंने अपने परिजनों के साथ कई बार कौसरनाग धार्मिक स्थल की यात्रा की है, लेकिन न तो वहां पर कोई मंदिर था और न ही कोई मस्जिद। सरकार को तुंरत इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

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