सूर्य का हुआ वृष राशि में प्रवेश ये होगा प्रभाव
पंडित दीपक पांडे ने बताया कि भुवन भास्कर भगवान सूर्य का मेष राशि से निकल कर वृष राशि में प्रवेश हो चुका है। उन्हीं से जाने इसके सामान्य प्रभावों के बारे में।
मिले जुले होंगे प्रभाव
सूर्य देव ने वृष राशि में प्रवेश कर लिया है, इससे पूर्व वे मेष राशि में विचरण कर रहे थे। यहां पर सूर्य शुभ कर्तरी योग में होंगे। सूर्य शनि और सूर्य बृहस्पति का बनेगा। इसके चलते आम जीवन में कठिन स्थितियां बन सकती हैं। विवाह और करियर जैसे मामले भी इससे प्रभावित होंगे। इस राशि परिवर्तन का प्रभाव लगभग एक माह तक रहेगा। हांलाकि वृष, शुक्र की राशि है, जिसमें सूर्य का प्रवेश करना सामाजिक तौर पर अच्छा होता है। इस अवधि में लोगों को अपना फंसा हुआ धन प्राप्त होगा। उलझन परेशानियां दूर होंगी। वहीं दूसरी ओर शुक्र की राशि में शुक्र के रहने से अग्निकांड की घटनाओं की स्थिति पैदा हो सकती हैं। साथ ही मकर में मंगल के होने के कारण भाषा का संतुलन बिगड़ सकता है।
पूजा पाठ का मिलेगा लाभ
पंडित जी का कहना यह कालखंड भक्तिभाव के लिए अत्यंत शुभ है। ग्रह स्थिति भगवान सूर्य की आराधना शीघ्र पर देर गामी परिणाम देगी। हर राशि के लोगों के लिए ये अवधि मिले जुले प्रभाव की रहेगी। अपने बारहवें भाव से गोचर हो कर सूर्य इस राशि में एक माह तक रहेंगे।
राशि परिर्वतन और पुरूषोत्तम मास का संयोग
इस तरह का ग्रह परिर्वतन काफी समय के बाद हो रहा है। जहां सूर्य वृष राशि पर प्रवेश कर रहे हैं और उस समय पुरूषोत्तम मास चल रहा है। दोनों का संयोग अत्यंत शुभ है। स्कंद पुराण में कहा गया है कि वृष में सूर्य के प्रवेश के समय मलमास का होना आम जन मानस के अत्यंत लाभकारी होता है।