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Ganesha Puja 2021:पौराणकि कथा, जानिए क्यों चढ़ाई जाती है भगवान गणेश को दूर्वा

Ganesha Puja 2021 मान्यता है कि भगवान गणेश के पूजन में दूर्वा चढ़ाने से भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि भगवान गणेश को दूर्वा क्यों चढ़ाई जाती है? आइए जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कथा....

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 03:43 PM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 06:00 AM (IST)
Ganesha Puja 2021:पौराणकि कथा, जानिए क्यों चढ़ाई जाती है भगवान गणेश को दूर्वा
पौराणकि कथा, जानिए क्यों चढ़ाई जाती है भगवान गणेश को दूर्वा

Ganesha Puja 2021: भगवान गणेश के पूजन में दूर्वा या दूब घास का विशेष महत्व है। मान्यता है कि भगवान गणेश के पूजन में दूर्वा चढ़ाने से भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकानाओं को पूरा करते हैं। समुद्र मंथन की कथा के अनुसार अमृत कलश को लेकर देवाताओं और असुरों के बीच में खींचतान हुई। इस खींचतान में अमृत की कुछ बूंदे धरती पर जहां गिरी वहां पर दूर्वा उगी हुई थी। माना जाता है कि इस कारण ही दूर्वा अमर हैं और कभी पूरी तरह समाप्त नहीं होती। लेकिन क्या आपको मालूम है कि भगवान गणेश को दूर्वा क्यों चढ़ाई जाती है ? आइए जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कथा....

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अनलासुर का आतंक

पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में अनलासुर नाम के एक दैत्य ने स्वर्ग और धरती पर आतंक मचा रखा था। सभी देवता और ऋषि-मुनि उसके आतंक से त्राहि-त्राहि कर रहे थे। अंततः देवराज इंद्र ने सभी देवताओं और ऋषि-मुनियों के साथ महादेव से अनलासुर के आतंक को समाप्त करने का अनुरोध किया। महादेव ने देवराज इंद्र को बताया कि अनलासुर का वध केवल गणेश ही कर सकते हैं।

अनलासुर का वध

भगवान गणेश ने देवाओं और ऋषि-मुनियों के अनुरोध को स्वीकर कर लिया। गणेश जी ने अनलासुर को अपने लम्बे उदर में निगल लिया। इस तरह से धरती और स्वर्ग को अनलासुर के आतंक से मुक्ति मिल गई। लेकिन अग्नि की तरह गर्म अनलासुर को निगलने के कारण गणेश जी के पेट में तेज जलन होने लगी। तब ऋषि कश्यप ने भगवान गणेश को एक-एक करके 21 गांठ दूर्वा खिलाई। जिससे उनके पेट की जलन शांत हुई। तब से मान्यता है कि भगवान गणेश को पूजन में दूर्वा चढ़ाने की परंपरा विकसित हुई।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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