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Ashadha Purnima 2021 : आषाढ़ पूर्णिमा पर कैसे करें व्रत, जानें पूजा विधि और महत्व

Ashadha Purnima 2021 पूर्णिमा के दिन दान ध्यान और स्नान करना बहुत फलदायी माना जाता है। वैसे आषाढ़ पूर्णिमा को बहुत की महत्वपूर्ण माना गया है। क्योंकि इस दिन को गुरु पूर्णिमा के नाम भी जाना जाता हैं इसी दिन गुरु वेद व्यास जी का जन्म हुआ था।

By Ritesh SirajEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 08:24 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 08:24 AM (IST)
Ashadha Purnima 2021 : आषाढ़ पूर्णिमा पर कैसे करें व्रत, जानें पूजा विधि और महत्व
आषाढ़ पूर्णिमा पर कैसे करें व्रत, जानें पूजा विधि और महत्व

Ashadha Purnima 2021 : हिंदू धर्म में पूर्णिमा का बहुत महत्व है। इस दिन शुभ कार्य किया जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार पूर्णिमा के दिन हम सूर्य को अर्ध्य देखकर अपने संकट से मुक्ति पाने का प्रयास करते हैं। पुराणों के अनुसार सभी पूर्णिमा के अलग-अलग लाभ और प्रभाव हैं। पूर्णिमा के दिन दान, ध्यान और स्नान करना बहुत फलदायी माना जाता है। वैसे आषाढ़ पूर्णिमा को बहुत की महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इस दिन को गुरु पूर्णिमा के नाम भी जाना जाता है इसी दिन गुरु वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। आइये जानते हैं कि आषाढ़ पूर्णिमा पर कैसे करें व्रत, जानें पूजा विधि और महत्व

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आषाढ़ गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा आरंभ  : शुक्रवार 23 जुलाई 2021 की सुबह 10 बजकर 43 मिनट से

पूर्णिमा समाप्त : शनिवार 24 जुलाई 2021 की सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक 

आषाढ़ पूर्णिमा पूजा विधि

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन प्रातः काल जल्दी उठना जाना चाहिए। सुबह उठकर स्‍नान करना चाहिए। वैसे इस दिन किसी पवित्र नदी में स्‍नान करना चाहिए अगर ऐसा नहीं कर सकते तो घर पर नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्‍नान करना चाहिए। इसके उपरांत सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए अर्घ्य देना चाहिए। इसके बाद व्रत का संकल्प कर लें। इस दिन भगवान विष्‍णु की पूजा करनी चाहिए। 

आषाढ़ गुरु पूर्णिमा का महत्व

गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरु महर्षि वेद व्यास जी के जन्म तिथि के अवसर पर मनाया जाता है। महर्षि व्यास जी ने हिंदू धर्म के चारों वेदों का ज्ञान दिया है। 

हिंदू परंपरा के अनुसार गुरु अपने शिष्यों को गलत मार्ग पर चलने से बचाते है। गुरु को भगवान से भी बढ़ा दर्जा दिया गया है।

हिंदू धर्म में कुल पुराणों की संख्या 18 है और सभी के रचयिता महर्षि वेद व्यास जी हैं। 

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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