Move to Jagran APP

जाने कैसा रहेगा 2018 भारत के दृष्‍टिकोण से

आइये पंडित विजय त्रिपाठी विजय के अनुसार जानें कैसा रहेगा 2018 में भारत देश का भविष्‍य।

By Molly SethEdited By: Published: Mon, 01 Jan 2018 04:44 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jan 2018 10:00 AM (IST)
जाने कैसा रहेगा 2018 भारत के दृष्‍टिकोण से
जाने कैसा रहेगा 2018 भारत के दृष्‍टिकोण से

चल रही है चंद्र की महादशा

loksabha election banner

पंडित जी के अनुसार 3 जनवरी 2013 से प्रारंभ हुई चन्द्र की महादशा वर्तमान समय से गुजरते हुए आने वाले 3 जनवरी 2023 तक चलेगी। इस दौरान विश्व में इस्लामिक आतंकवाद में जबरदस्त वृद्धि होने की संभावना है। सोना-चांदी एवं कच्चे तेल के भाव 2018 में सबसे तेज भाव कहे जा सकते हैं। ‘राजा सूर्य और मंत्री शनि’ होने के कारण देश के शासक वर्ग तो अपने रास-रंग में लीन ही रहेंगे, साथ ही सामान्य जन- मानस में भी इस वर्ष रंगीन-मिजाजी में इजाफा होगा। लोगों में खर्च करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। इस 2075 विक्रमीय सम्वत्सर का नाम ‘विरोधकृत’ हैं। सस्येश, नीरसेश और धनेश चंद्र है। द्दान्येश सूर्य है। मेघेश, दुर्गेश शुक्र हैं। रसेश बुध है। फलेश गुरू है। इस सम्वत्सर में ग्रहों के स्वामित्व की लोकसभा में 7 स्थान सौम्य ग्रहों को प्राप्त हुए है और 3 स्थान उग्र ग्रहों को प्राप्त हुए हैं। अतः जनमानस में परस्पर सौम्यता की वृद्धि होगी, एवं उग्रता कम होगी। वर्षफल उत्तम रहेगा। प्रजा में परस्पर सौहार्द्र बढ़ेगा, परन्तु जातिवाद भी खूब बढ़ेगा। 

पड़ोसी राज्‍यों से बढ़ेंगी मुश्‍किलें

चीन की विस्तारवादी नीति और पाकिस्तान का छद्म आचरण भारत के लिए मुश्किल बढ़ाने वाला होगा। विदेशी मामलों में इस वर्ष भारत को बहुत सूझ-बूझ से काम लेना होगा। आधुनिक अस्त्र-शस्त्र, एटॉमिक एनर्जी, नवीन टेक्नालॉजी एवं स्वचालित यंत्रो के विकास में वृद्धि होगी, आतंकवादियों, डाकुओं, चोरों, स्मग्लरों का पतन होगा। पश्चिमी क्षेत्र में पाकिस्तानी समर्थक अपनी विध्वंसकारी गतिविद्दियों में लिप्त रहेंगे। पूर्वी एवं पश्चिमी दोनों क्षेत्रों में विदेशी घुसपैठ बढ़ेगी। वास्तविक खतरा चीन से पैदा होगा। चीन, पाकिस्तान की सम्मिलित छद्म कूटनीति भी भारत के अन्दरूनी मामलों में दखल देती रहेगी। जबकि अमेरिका इस्लामी राष्ट्रों के मामले में दखलन्दाजी करेगा।

रहेगा अस्‍थिरता का दौर

देश में सभी मामलों में अस्थिरता का दौर दिखलाई देगा। इससे समस्या का हल निकलने की बजाय जनता और त्रस्त होगी। अनेक जगहों पर हड़ताल, दंगा, फसाद, अग्निकांड संभव है। सत्ता पक्ष के विरूद्ध, विरोद्दी पक्ष फिर से एक होने का प्रयास करेंगे, किन्तु यह एकता हो न पाएगी। धार्मिक मामलों में असहिष्णुता बढ़ेगी। मंहगाई, अराजकता का बोलबाला रहेगा। विदेशी व्यापार में वृद्धि की आशा की जा सकती है। सामाजिक एवं साम्प्रदायिक सौहार्द्र में कमी होगी। जातिगत और वर्गगत राजनीति का माहौल चरमोत्कर्ष पर होगा। सत्तापक्ष को अपने अन्दर की दुरभि सन्धि से सावधान रहना होगा। नार्थ ईस्ट में भूकम्पादि प्राकृतिक उपद्रव भी सम्भव है। 

राजनैतिक और सामाजिक उथल पुथल

राजनैतिक पार्टियां अपनी महत्वाकांक्षा पूर्ति के लिये गृह कलह का दृश्य उपस्थित करेंगी। स्त्रियों के अपहरण और उनके प्रति अपराध में वृद्धि होगी। आर्थिक क्षेत्र में विफलता शासक वर्ग के संकट को बढ़ाएगी। सार्वजनिक स्थानों में तोड़-फोड़ से सम्पत्ति का काफी नुकसान होगा। विरोधी पक्ष भी प्रत्यक्ष रूप से सामने न आकर कूटनीतिक प्रक्रिया सत्ता-पक्ष के प्रति अपनाएगा। सभी दलों का कुर्सी प्रेम इस समय स्पष्ट दिखाई देगा। जन्मदर में कमी, अच्छे मौसम से कृषि उत्पादन में वृद्धि, कृषि संबंधी मामलों में सफलता मिलेगी। अगड़े वर्गों में असंतोष जागृत होगा। पूर्वी एवं पश्चिमी दोनों क्षेत्र में विदेशी घुसपैठ बढ़ेगी। श्रमिक असन्तोष भी उमड़ेगा, जो बाद में शान्त हो जायेगा। विदेशी व्यापार व्यापार सन्तुलन देश हित में होगा। विपक्ष प्रारम्भ में किसी समस्या को उछालकर बाद में शान्त हो जायगा। अप्रत्यक्ष करों का बोझ बढ़ने से सरकारी आय में वृद्धि होगी। इस वर्ष जनता द्वारा आन्दोलन आदि किए जाने से इनकी सरकार को दबाव का सामना करना पड़ेगा। आवश्यक मुद्दे इस वर्ष प्रमुख समाजसेवियों द्वारा उठाए जायेंगे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.