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Aja Ekadashi 2021 : कब है अजा एकादशी का व्रत, जानिये शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Aja Ekadashi 2021 हिंदी पंचांग के अनुसार अजा एकादशी 3 सितंबर को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत का फल अश्वमेघ यज्ञ से मिलने वाले फल से भी अधिक माना गया है। इसीलिए इस दिन व्रत का पालन सच्ची श्रद्धा के साथ करना चाहिए।

By Ritesh SirajEdited By: Published: Wed, 25 Aug 2021 03:17 PM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 07:14 AM (IST)
Aja Ekadashi 2021 : कब है अजा एकादशी का व्रत, जानिये शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
कब है अजा एकादशी का व्रत, जानिये शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Aja Ekadashi 2021 : हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार अजा एकादशी 3 सितंबर को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत का फल अश्वमेघ यज्ञ से मिलने वाले फल से भी अधिक माना गया है। इसीलिए इस दिन व्रत का पालन सच्ची श्रद्धा के साथ करना चाहिए। आइये जानते हैं अजा एकादशी के शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व के विषय में

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एकादशी मुहूर्त  

अजा एकादशी तिथि प्रारंभ : 2 सितंबर 2021 दिन गुरूवार को सुबह 06 बजकर 21 मिनट से

अजा एकादशी तिथि समाप्त : 3 सितंबर 2021 दिन शुक्रवार को सुबह 07 बजकर 44 मिनट तक 

अजा एकादशी पारण : 4 सितंबर 2021 दिन शनिवार को सुबह 05 बजकर 30 मिनट से सुबह 08 बजकर 23 मिनट तक

अजा एकादशी व्रत विधि

इस दिन व्रत का संकल्प लेने वालों को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि कर लेना चाहिए। उसके बाद पूजा स्थल की साफ-सफाई करके भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें पूरे विधि-विधान और व्रत कथा का पाठ करें। इसके बाद भक्तों को प्रसाद में चरणामृत दें। इस दिन निराहार रहते हुए सिर्फ शाम को फलाहार करना चाहिए। इसके अगले दिन साधु-संतों को भोजन कराकर दक्षिणा देकर स्वयं भी भोजन करना चाहिए। 

अजा एकादशी महत्व

पौराणिक मान्यता के अनुसार इस व्रत से तीर्थों में दान-स्नान, कठिन तपस्या और अश्वमेघ यज्ञ से भी अधिक फलदायी माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। इस व्रत से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु अपने भक्तों के सभी दुखों का निवारण कर देते हैं। परिणाम स्वरूप घर में खुशहाली, सुख, समृद्धि का आगमन होता है।

डिसक्लेमर

 

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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