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काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर का किया निरीक्षण, समझे विधि विधान

उत्तर प्रदेश के विशेष सचिव धर्मार्थ कार्य बाबूलाल श्रीवास ने बुधवार को काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। पूजन के विधि विधान समझे और मंदिर दफ्तर में अधिकारियों के साथ बैठक की। पुजारियों-कर्मचारियों की संख्या व कार्य वितरण के साथ नियमावली के बारे में जानकारी ली। जाते जाते कार्यरत

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2015 10:32 AM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2015 10:34 AM (IST)
काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर का किया निरीक्षण, समझे विधि विधान

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के विशेष सचिव धर्मार्थ कार्य बाबूलाल श्रीवास ने बुधवार को काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। पूजन के विधि विधान समझे और मंदिर दफ्तर में अधिकारियों के साथ बैठक की। पुजारियों-कर्मचारियों की संख्या व कार्य वितरण के साथ नियमावली के बारे में जानकारी ली। जाते जाते कार्यरत कर्मचारियों की सूची भी साथ ले गए।

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इसके साथ ही पूजन पद्धति व नियमावली का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया। बताया जा रहा है कि काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद का अध्यक्ष बनने के बाद आचार्य अशोक द्विवेदी ने पूजन पद्धति पर सवाल उठाया था। इस संबंध में शास्त्रार्थ कराने के साथ ही रीति नीति के संबंध में शासन को अवगत कराया था। इस क्रम में वस्तु स्थिति से अवगत होने के लिए धर्मार्थ कार्य मंत्रालय की ओर से शुरुआती कदम उठाए गए हैं। समझा जा रहा है कि न्यास अध्यक्ष द्वारा व्यवस्थागत दिक्कतों को लेकर की गई कुछ शिकायतों के संबंध में विशेष सचिव ने छानबीन की।

शिखर की मजबूती आंकने दूसरा दल भी शीघ्र आएगा-

काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के गर्भगृह के शिखर की मजबूती आंकने के क्रम में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) की दो सदस्यीय टीम ने बुधवार को भी निरीक्षण किया। दूसरे दिन दल कुछ अन्य खास उपकरणों के साथ सुबह 11 बजे मंदिर पहुंची। इसमें दीवारों के भीतर 20 फीट अंदर तक .5 मिलीमीटर तक की खामियों को पकडऩे वाले स्केनर और लेजर शामिल थे। इसे दो स्तरीय शिखर के मध्य से दीवार में प्रवेश कराया जाएगा। इसके लिए वातानुकूलन संयंत्र उनके आने से पहले ही हटा लिया गया था। मुख्य कार्यपालक अधिकारी अजय अवस्थी ने बताया कि दल चार दिनों तक आकलन करेगा। इसके बाद विशेषज्ञों की दूसरी टीम भी आएगी।


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