अब जोशीमठ से बदरीनाथ मार्ग रात आठ बजे के बाद बंद
अभी तक सीजन के दौरान यात्री वाहनो को रात दस बजे तक चलने की अनुमति थी जिससे यात्री सीधे बदरीनाथ की ओर रुख कर रहे थे।
गोपेश्वर। अब जोशीमठ से बदरीनाथ के बीच रात आठ बजे के बाद वाहन नही चलेंगे। वही रात नौ बजे के बाद पांडुकेश्वर से आगे वाहनों को जाने की इजाजत नही होगी। वीडियो कांफ्रेस में विधायक राजेंद्र भंडारी के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन को ट्रैफिक व्यवस्था में संशोधन के निर्देश दिए हैं।
अभी तक सीजन के दौरान यात्री वाहनो को रात दस बजे तक चलने की अनुमति थी जिससे यात्री सीधे बदरीनाथ की ओर रुख कर रहे थे। इससे बदरीनाथ में भीड़भाड़ जबकि बदरीनाथ व हेमकुंड साहिब यात्रा के प्रमुख पड़ाव जोशीमठ व पांडुकेश्वर में वीरानी थी। स्थानीय लोगों ने भी पूर्व की भांति आठ बजे रात्रि तक ही वाहनो के संचालन की मांग की थी। वीडियो कांफ्रेस के दौरान बदरीनाथ के विधायक राजेद्र भंडारी ने उनकी सह मांग मुख्यमंत्री के सामने रखी। विधायक का तर्क था कि बारिश के दौरान जोशीमठ से बदरीनाथ के बीच रात्रि तक आवाजाही ठीक नही है। लामबगड़ सहित कई अन्य जगह भूस्खलन जोन हैं।
ऐसे में जोशीमठ व बदरीनाथ के बीच आठ बजे तक ही वाहनो की आवाजाही की अनुमति दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने तत्काल जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को नई व्यवस्था के तहत आठ बजे का समय जोशीमठ व बदरीनाथ के बीच वाहनों की आवाजाही के लिए सुनिश्चित करने को आदेशित किया है। इसके तहत प्रशासन ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। वीडियो कांफ्रेस में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चमोली जिले के आपदा प्रभावितों को तत्काल सहायता राशि उपलब्ध कराने के निर्देश भी जिलाधिकारी को दिए। उन्होंने कहा कि मानकों के अनुसार टीम बनाकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन विभाग प्रत्येक गांव में दो दो लोगों को प्रशिक्षित करे ताकि आपदा के दौरान वे राहत बचाव का कार्य कर सके। आपदा से क्षतिग्रस्त विद्युत लाइने, सड़के, पेयजल लाइनो को भी उन्होंने तत्काल ठीक करने के निर्देश संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए।
संचार सेवा दुरुस्त करे
मुख्यमंत्री ने आपदाग्रस्त क्षेत्रो मे संचार सेवा के अलावा मलबे को तत्काल हटाने के निर्देश दिए। वही उन्होने सचिव आपदा अमित नेगी को आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी तैयारियां पूरी रखने को कहा। वही सभी जिलाधिकारियो से दैवीय आपदा की स्थिति के बारे मे गलत रिपोर्ट पाए जाने पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी को निलंबित किए जाने को कहा।