Move to Jagran APP

Janki Navami 2020: आज है जानकी नवमी, जानें कैसे हुई माता सीता की उत्पत्ति और व्रत का लाभ

Janki Navami 2020 यह व्रत करने से कन्यादान या चारधाम तीर्थ यात्रा समतुल्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही व्रती को मनोवांछित फलों की भी प्राप्ति होती है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 12:34 PM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 07:18 AM (IST)
Janki Navami 2020: आज है जानकी नवमी, जानें कैसे हुई माता सीता की उत्पत्ति और व्रत का लाभ

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Janki Navami 2020: पौराणिक ग्रंथों के अनुसार बैसाख मास में शुक्ल पक्ष की नवमी को माता जानकी की उत्पत्ति हुई। इस साल 2 मई को जानकी नवमी मनाई जाएगी। इस दिन लोग माता जानकी के लिए व्रत रखते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन प्रभु श्रीराम और माता जानकी को विधि-विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से व्रती को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही व्रती को मनोवांछित फलों की भी प्राप्ति होती है।  

loksabha election banner

माता जानकी उत्पत्ति की कथा

पवित्र ग्रंथ रामायण के अनुसार, एक बार मिथिला राज्य में कई वर्षों से बारिश नहीं हो रही थी। इससे मिथिला नरेश जनक बहुत चिंतित हो उठे। इसके लिए उन्होंने ऋषि-मुनियों से विचार-विमर्श किया और मार्ग प्रशस्त करने का अनुरोध किया। उस समय ऋषि-मुनियों ने राजा जनक को खेत में हल चलाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर आप ऐसा करते हैं तो इंद्र देवता की कृपा जरूर बरसेगी। राजा जनक ने ऋषि मुनियों के वचनानुसार, वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन खेत में हल चलाया। इसी दौरान उनके हल से कोई वस्तु टकराई, यह देख राजा जनक ने सेवादारों से उस स्थान की खुदाई करवाया। उस समय खुदाई में उन्हें एक कलश प्राप्त हुआ, जिसमें एक कन्या थी। राजा जनक ने उन्हें अपनी पुत्री मानकर उनका पालन-पोषण किया। तत्कालीन समय में हल को "सीत" कहा जाता था। इसलिए राजा जनक ने उस कन्या का नाम सीता रखा।

जानकी नवमी महत्व

यह व्रत करने से कन्यादान या चारधाम तीर्थ यात्रा समतुल्य फल की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि जानकी नवमी के दिन सुहाग की वस्तुएं दान करने से व्रती को कन्या दान के समान फल प्राप्त होता है। ऐसे में इस दिन कुमकुम, चूड़ी, बिंदी आदि चीज़ों का दान जरूर करें। इसके साथ ही जानकी नवमी के दिन विशेष रूप से पूजा आराधना करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। अगर आप अपने जीवन में सुख सौभाग्य चाहते हैं तो जानकी माता को सोलह श्रृंगार अर्पित करें। अगर आप पुत्र प्राप्ति की कामना करते हैं तो इसके लिए सीता स्त्रोत का पाठ करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.