जनकपुर की मां जानकी
भारत और नेपाल की सीमा के नजदीक बसा है 'जनकपुर'। जनकपुर वह जगह है जहां त्रेतायुग में माता सीता भूमि से अवतरित हुई थीं। यह स्थान माता सीता के जन्मस्थान के रूप में सदियों से धार्मिक आस्था का केंद्र है।
भारत और नेपाल की सीमा के नजदीक बसा है 'जनकपुर'। जनकपुर वह जगह है जहां त्रेतायुग में माता सीता भूमि से अवतरित हुई थीं। यह स्थान माता सीता के जन्मस्थान के रूप में सदियों से धार्मिक आस्था का केंद्र है।
जनकपुर, नेपाल के धानुषा जिले के दक्षिणी तराई शहर से लगभग 200 किमी दूर दक्षिण-पूर्व है। जनकपुर में मां सीता का भव्य मंदिर है, जो भारतीय सीमा से महज 22 किमी दूरी पर है। हालांकि नेपाल में 2015 में आए विनाशकारी भूकंप में यह मंदिर भी क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसका जीर्णोद्धार जारी है।
त्रेतायुग में मिथला के राजा जनक जब भूमि में हल जोत रहे थे, तभी उन्हें सीता जी एक स्वर्ण जड़ित बक्से में मिली थीं। रामायण में मिथिला राज्य का उल्लेख मिलता है। सीता मिथिला के राजा जनक की ज्येष्ठ पुत्री सीता थीं। जिनका विवाह अयोध्या के राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र श्रीराम से हुआ था।
जनकपुर की अपनी भाषा और लिपि के साथ प्राचीन मैथिली संस्कृति का केंद्र है। जनकपुर के निवासी सीता जी को जानकी देवी कहते हैं। जनकपुर के केंद्र उत्तर और पश्चिम में जानकी मंदिर है। यह मंदिर 1911 में बनाया गया था। जनकपुर में कई तालाब हैं जिनमें 2 सबसे महत्वपूर्ण हैं धनुष सागर और गंगा सागर। यहां की बोली मैथिली अभी भी व्यापक रूप से इस क्षेत्र में बोली जाती है।