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'जगन्नाथ मंदिर की मरम्मत रोकी तो आ सकता है अनिष्ट'

अब मंदिरों के कपाट 15 दिन बाद खुलेंगे। 5 जुलाई को नेत्र उत्सव का आयोजन किया जायेगा। इसके बाद महाप्रभु के मंदिर का पट दर्शन के लिए खोले जायेंगे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 21 Jun 2016 02:19 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jun 2016 02:24 PM (IST)
'जगन्नाथ मंदिर की मरम्मत रोकी तो आ सकता है अनिष्ट'

वृंदावन। भगवान जगन्नाथ का मंदिरों में देवस्नान के दौरान भगवान को लू लग गई। उन्हें बुखार आ गया। इसके चलते अब काढ़ा पिलाया जाएगा। इस तरह जगत के प्रभू अगले 15 दिन दर्शन नहीं देंगे।

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164 साल पुरानी परंपरा का निर्वाह करते हुए रथयात्रा समारोह के पहले दिवस भगवान जगन्नाथ स्वामी की स्नान यात्रा का आयोजन किया गया।

दरअसल, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन जगन्नाथ स्वामी बीमार पड़ते हैं, फिर 15 दिन बाद ही दर्शन देते हैं।

इस अवधि में उन्हें काढ़ा पिलाया जाता है और सिर्फ मौसमी फलों का भोग ही लगता है। वृंदावन के साथ ही मप्र के पन्ना में भी यह आयोजन हुआ।

वृंदावन में परिक्रमा मार्ग पर जगन्नाथ घाट और राजपुर के निकट स्थित जगन्नाथ मंदिर में सोमवार शाम ठाकुर जी को स्नान कराया गया। मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा (प्रसिद्ध जगदीश स्वामी मंदिर) का समारोह सोमवार को स्नान यात्रा से आरंभ हो गया है।

'जगन्नाथ मंदिर की मरम्मत रोकी तो आ सकता है अनिष्ट'

अब मंदिरों के कपाट 15 दिन बाद खुलेंगे। 5 जुलाई को नेत्र उत्सव का आयोजन किया जायेगा। इसके बाद महाप्रभु के मंदिर का पट दर्शन के लिए खोले जायेंगे। उसके बाद जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाएगी।


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