सावन के तीसरे सोमवार को मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
सावन की तीसरे सोमवार को राजधानी के अलग अलग मंदिरों में शिव के भक्तों ने पूजा-अर्चना की। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। दूध, बेल-पत्र व जलाभिषेक करते हुए महिलाओं ने बड़ी संख्या में भगवान शिव की अराधना की। प्रीत विहार स्थित गुफा वाला मंदिर में सुबह से ही लोगों की कतारे
नई दिल्ली। सावन की तीसरे सोमवार को राजधानी के अलग अलग मंदिरों में शिव के भक्तों ने पूजा-अर्चना की। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। दूध, बेल-पत्र व जलाभिषेक करते हुए महिलाओं ने बड़ी संख्या में भगवान शिव की अराधना की।
प्रीत विहार स्थित गुफा वाला मंदिर में सुबह से ही लोगों की कतारें लगना शुरू हो गई। वहीं अन्य प्रमुख मंदिरों में से केशवपुरम स्थित पारदेश्वर धाम मंदिर में सुबह से महिलाओं, युवाओं व वृद्धों ने महादेव को जलाभिषेक किया। इसके अलावा सिद्धपीठ कालका मंदिर, झंडेवालान स्थित कालका मंदिर, सहित कई छोटे-बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
सावन की रिमझिम बारिश के बीच कई श्रद्धालु नंगे पैर मंदिरों तक पहुंचे व भगवान की अराधना की। इस मौके पर सभी मंदिरों को खूबसूरत लरियों से सजाया गया। महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग अलग कतारों की सुविधा भी थी। चांदनी चौक स्थित गौरी-शंकर मंदिर से लेकर लक्ष्मी नगर के शिव मंदिर तक बड़ी संख्या में मौजूद भक्तों ने अपने परिजनों के उज्जवल भविष्य की कामना की। वहीं युवतियों ने भी अच्छे जीवनसाथी की कामना करते हुए शिव की अराधना की। साथ ही चौथे व अंतिम सोमवार की तैयारियां भी अभी से शुरू हो गई हैं।
शिवालयों में जलाभिषेक के लिए उमड़े शिवभक्त-
पानीपत-बम भोले के भक्तों ने सावन मास के तीसरे सोमवार को शिवालयों में पूजा अर्चना की। हर हर महादेव व बम भोले के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। मंदिरों में देर शाम महाआरती में सैकड़ों शिव भक्त शामिल हुए।
ऐतिहासिक नगरी पानीपत के मंदिरों में सावन माह के तीसरे सोमवार को शिव भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। प्राचीन देवी मंदिर, हुडा सेक्टर 12 स्थित सनातन धर्म शिव मंदिर, गंगाधाम मंदिर, गीता मंदिर, शिवपुरी, कांशीगिरी मंदिर व सनातन धर्म मंदिर मॉडल टाउन में सुबह पांच बजे से ही भक्त पूजा-अर्चना के लिए मंदिर का रुख करने लगे। शिवालयों के प्रवेश द्वार पर घंटे की ध्वनि सुबह से गूंजने लगी। बम भोले की जय, हर हर महादेव व बोल बम के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। भक्तों ने शिवलिंग पर गंगाजल, फूल, बेलपत्र, धतूरा व अक्षत चढ़ाकर पूजा अर्चना की। उमस के बावजूद शिव भक्त जलाभिषेक के लिए घंटों कतार में लगे रहे। भक्तों ने शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक भी किया। मंदिरों में दोपहर लगभग 12 बजे तक भक्तों की भीड़ देखी गई।
देवी मंदिर के पुजारी आचार्य लालमणि पांडेय ने बताया कि तीसरे सोमवार को महिलाओं ने व्रत रखा। मंदिर में पूजा के दौरान शिवलिंग पर गंगाजल व बेलपत्र चढ़ाया। उन्होंने बताया कि सावन मास का अंतिम सोमवार 19 अगस्त को पड़ेगा। पानीपत में रक्षाबंधन का त्योहार 20 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। भक्तों ने किया शिवलिंग पर जलाभिषेक-
ग्रेटर नोएडा- सावन के तीसरे सोमवार को शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भीड़ रही। लोगों ने परिवार के साथ विधि विधान के साथ पूजा कर राष्ट्र व परिवार की सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में भी भक्त उमड़े। मंदिरों में बड़ी संख्या में कांवडि़यों ने भी जलाभिषेक किया।
भगवान शंकर की पूजा के लिए भक्त सुबह से ही मंदिर पहुंचने लगे। शहर के गौरी शंकर मंदिर, शिव मंदिर, वैष्णव देवी मंदिर, राज जानकी सहित विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भीड़ ज्यादा रही। पूजा के लिए भक्त सुबह छह बजे से ही मंदिर पहुंच गए। भक्तों ने शिव लिंग पर दूध के साथ ही बेलपत्र, भांग, धतूरा, फल, मिठाई आदि चीजें चढ़ाकर पूजा की। भक्तों ने हर-हर महादेव की जयघोष की। मंदिरों में भगवान शंकर की भव्य आरती हुई। पूजा के बाद भक्तों को प्रसाद का वितरण भी किया गया। मंदिर के साथ ही बड़ी संख्या में लोगों ने घरों में पूजा पाठ की। भक्तों ने घरों में रुद्राभिषेक व कथा का भी आयोजन किया। भक्तों ने दूध व जल से शिव लिंग का रुद्राभिषेक किया। पूजा के बाद महिलाओं ने भगवान शंकर के भक्ती गीत गाए। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्र दादरी, दनकौर, विलासपुर, रबूपुरा आदि के मंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ रही। मंदिरों में सैकड़ों की संख्या में कांवड़िए भी जलाभिषेक के लिए पहुंचे। कांवड़ियों ने हरिद्वार से लाए गंगाजल से शिव को स्नान कराया। शिव की जयघोष से मंदिर परिसर गूंज उठा।
शिव उपासना में लीन रहे भक्त-
हरिद्वार- श्रवण के तीसरे सोमवार को कनखल सहित धर्मनगरी के विभिन्न शिवालयों में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। सुबह से ही धर्मनगरी का माहौल शिवमय हो गया और हर जगह शिव के जयकारों से धर्मनगरी गूंज उठी। 19 अगस्त को श्रवण मास का अंतिम सोमवार रहेगा। श्रावण में भगवान शिव की ससुराल कनखल व हरिद्वार शिव भक्ति के रंग में रंगा हुआ है। श्रवण के पहले और दूसरे सोमवार के बाद तीसरे सोमवार को भी स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं ने शिव मंदिरों में भोले का दूध, दही, घी, शहद और गंगा जल से अभिषेक किया। इस क्त्रम से शुरू हुआ शिव उपासना का दौर शाम तक चलता रहा। शिव के प्रमुख मंदिरों दक्षेश्वर महादेव, विल्केश्वर महादेव, नीलेश्वर महादेव, पारद शिवलिंग मंदिर, तिलभण्डेश्वर महादेव मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर, भेल शिव मंदिर, मनोकामना शिव धाम भेल सेक्टर चार, सहित विभिन्न शिवालयों में शिव भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। मंदिरों में शिव परिवार के साथ भक्तों ने नंदी महाराज की भी पूजा अर्चना की। नंदी महाराज के कान में मनोकामना कहने का सिलसिला सुबह से शाम तक चलता रहा। इस दौरान मंदिरों में लंबी लंबी शिव भक्तों की कतारों को व्यवस्थित करने के लिए पुलिस व्यवस्था भी चाक चौबंद रही। दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने धर्मनगरी के अलग अलग स्थानों पर बने मंदिरों में भी शिव आराधना की।
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