Move to Jagran APP

इस्लाम में रोजे को फर्ज माना गया है, रोजे बीमारी, लाचारी या दुख-तकलीफ में ही छोड़े जा सकते हैं

रोजे रखने का मतलब भूखा-प्यासा रहना ही नहीं है। यह मनुष्य के अंतस में अच्छाइयों और सद्भावनाओं को जगाने की प्रक्रिया है। रोजे के दौरान अपनी इंद्रियों को वश में रखना बहुत जरूरी है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 02:27 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 02:36 PM (IST)
इस्लाम में रोजे को फर्ज माना गया है, रोजे बीमारी, लाचारी या दुख-तकलीफ में ही छोड़े जा सकते हैं

रमजान का महीना रोजेदारों को अपने आचरण की पवित्रता से आत्मिक शुद्धि का अवसर देता है इस्लाम में रमजान के महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है। माह-ए-रमजान या रमजानुल मुबारक हमें अपने भीतर के गुणों और अच्छाइयों को परखने व उन्हें निखारने का अवसर देता है। जब हम रोजा (उपवास) रखकर अच्छाइयों की राह पर चल देते हैं, तो अल्लाह हमसे प्रसन्न हो जाते हैं। जाहिर है, ऐसे में रहमत के दरवाजे खुल जाते हैं और शैतान (बुरी प्रवृलिायां) बांध दिए जाते हैं।

loksabha election banner

रोजे रखने का मतलब भूखा-प्यासा रहना ही नहीं है। यह मनुष्य के अंतस में अच्छाइयों और सद्भावनाओं को जगाने की प्रक्रिया है। रोजे के दौरान अपनी इंद्रियों को वश में रखना बहुत जरूरी है। इस दौरान वर्जित और बुरी बातों की तरफ जाना तो दूर, उनके बारे में सोचना भी गुनाह माना जाता है। रोजे के दौरान बुरा कहने, बुरा देखने और बुरा करने की ही मनाही नहीं, बुरा सोचने, झूठ बोलने, किसी को तकलीफ पहुंचाने, पीठ पीछे बुराई करने की भी मनाही है। रोजेदार को मन, वचन और कर्म से खुद को सात्विक और अनुशासित रखना होता है। आचरण की शुचिता का खयाल रखना होता है। इस दृष्टि से यह आत्मिक शुद्धि का महीना है।

शुरुआत फर्ज की नमाज से होती है, जो सुबह चार-पांच बजे के बीच होती है। रोजेदार सहरी के वक्त कुछ खा लेते हैं और पूरे दिन के उपवास (रोजे) के लिए तैयार हो जाते हैं। वे मस्जिद में फर्ज की नमाज अदा करते हैं और रोजाना के कामों में व्यस्त हो जाते हैं, लेकिन उनके अंतस में रोजे की कैफियत बनी रहती है। पांचों वक्त की नमाज, रात में तरावीह की नमाज में कुरआन का चिंतन व श्रवण आदि।

इस्लाम में रोजे को फर्ज माना गया है। रोजे बीमारी, लाचारी या दुख-तकलीफ में ही छोड़े जा सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.