जोशीमठ से आगे बड़े वाहनों पर रोक, चारधाम यात्रा पर संकट
जैसे-जैसे चारधाम यात्रा की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे ही यात्रा इंतजामों की हकीकत भी सामने आ रही है। उत्तराखंड सरकार के दावों के उलट अब चमोली जिला प्रशासन भी मान चुका है कि इन परिस्थितियों में भारी वाहनों को बदरीनाथ तक जाने की इजाजत देना खतरे से खाली नहीं है। जोशीमठ से बदरीनाथ के बीच हाईवे की बदतर स्थिति को देखते
चमोली। जैसे-जैसे चारधाम यात्रा की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे ही यात्रा इंतजामों की हकीकत भी सामने आ रही है। उत्तराखंड सरकार के दावों के उलट अब चमोली जिला प्रशासन भी मान चुका है कि इन परिस्थितियों में भारी वाहनों को बदरीनाथ तक जाने की इजाजत देना खतरे से खाली नहीं है।
जोशीमठ से बदरीनाथ के बीच हाईवे की बदतर स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने बुधवार को बड़े वाहनों (28 सीटर से बड़ी यात्री बसों) को जोशीमठ में ही रोकने की रणनीति बनाई। डीएम एसए मुरुगेशन ने साफ किया है कि जोशीमठ से आगे बड़े वाहनों को ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बताते चलें कि जून, 2013 की आपदा में बदरीनाथ हाईवे जोशीमठ से बदरीनाथ के बीच 44 किलोमीटर क्षेत्र में कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। लामबगड़ से बेनाकुली तक तो तीन किलोमीटर हाइवे अलकनंदा नदी में समा गया था। हालांकि बाद में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने अस्थाई रूप से यहां सड़क को चलने तो लायक बना दिया, लेकिन खतरे बरकरार हैं। जोशीमठ और बदरीनाथ के मध्य हालात अब भी जस के तस हैं। बताया गया कि बजट के अभाव के चलते हाईवे पर निर्माण कार्य नहीं हो पाए। बीआरओ ने भी मलबा हटाकर पल्ला झाड़ लिया।