Chandra Grahan 2019: 21 जनवरी को पड़ रहे इस ग्रहण का कैसा होगा आपकी राशि पर प्रभाव
हालांकि 21 जनवरी को पड़ने वाला साल का पहला पूर्ण Chandra Grahan 2019 भारत में अदृश्य रहेगा परंतु ये कैसे विभिन्न राशियों को प्रभावित करेगा ये बता रहे हैं पंडित दीपक पांडे।
By Molly SethEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 05:10 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 12:22 PM (IST)
भारत में नहीं दिखेगा
2019 का दूसरा ग्रहण और पहला Chandra Grahan 2019 जनवरी महीने के तीसरे सप्ताह में 20 और 21 जनवरी की मध्यरात्रि को दिखाई देगा। इस चंद्रगहण को सुपर ब्लड वुल्फ मून के नाम से जाना बुलाया जा रहा है। चंद्रमा जब धरती की छाया से होकर जाता है तो सुपरमून या लाल तांबे के रंग जैसा नजर आता है। आमतौर पर ऐसे हर चंद्र ग्रहण को एक खास नाम दिया जाता है, उसी क्रम में इस चंद्रगहण का नाम भी अपने में खास है। ये सुपर ब्लड वुल्फ मून 20 जनवरी की शाम 8 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगा और 21 जनवरी को 1 बजकर 18 मिनट पर पूर्ण हो जायेगा। हांलाकि ये भारत में नहीं दिखाई देगा जिसके चलते इसका धार्मिक रूप से कोई अधिक महत्व नहीं है फिर भी ग्रह गोचर में परिर्वतन हर संजीव और निर्जीव पर कोई ना कोई प्रभाव तो डालता ही है।
राशियों पर ऐसा होगा प्रभाव
ये चंद्र ग्रहण अपनी ही राशि कर्क पर पड़ रहा है जिसके चलते ये सभी राशियों पर अलग अलग प्रभाव डालेगा। आइये जाने राशि के अनुसार क्या होगा असर। मेष वालों के लिए व्यथा पूर्ण, वृष राशि पर फल प्राप्ति दायक, मिथुन राशि के लिए हानिकारक, कर्क राशि पर घात चक्र, सिंह राशि पर क्षतिपूर्ण, कन्या राशि के लिए लाभदायक, तुला राशि के लिए सुखपूर्ण, वृश्चिक राशि के लिए मान भंग करने वाला, धनु राशि वालों के लिए कष्टकारी, मकर राशि वालो को होगी स्त्री चिंता, कुंभ राशि के लिए सुखकारी आैर मीन राशि वालों के लिए ग्रहण चिंतादायक रहेगा।
कुछ जनजातियों ने दिया ये नाम
ऐसा कहा जा रहा है कि इस ग्रहण को ये अनोखा नाम नेटिव अमेरिकी जनजातियों ने दिया है। उनके अनुसार पूर्णिमा की रात को भोजन की तलाश में निकलने वाले भेड़िये तांबे के रंग के लाल चांद को देख कर चिल्लाते हैं। इसी के चलते इस चंद्र ग्रहण को वुल्फ मून नाम दिया गया। बाद में ये सुपर ब्लड वुल्फ मून कहलाने लगा। बताया जा रहा है कि ये ग्रहण एक से ज्यादा खगोलीय घटनाओं के संयोग का कारण बनेगा। सुपर ब्लड वुल्फ मून खुली आंखों से देखा जा सकता है। इस चंद्रगहण के साथ भी आम ग्रहण से जुड़े प्रभाव काम करेंगे। जैसे इस दौरान गर्भवती महिलाएं संभल कर रहें। ऐसा इसलिए है क्योंकि ग्रहण की अवधि में सूर्य हो या चंद्रमा दोनों से हानिकारक किरणें प्रवाहित होती है जो समस्या पैदा कर सकती हैं।
2019 का दूसरा ग्रहण और पहला Chandra Grahan 2019 जनवरी महीने के तीसरे सप्ताह में 20 और 21 जनवरी की मध्यरात्रि को दिखाई देगा। इस चंद्रगहण को सुपर ब्लड वुल्फ मून के नाम से जाना बुलाया जा रहा है। चंद्रमा जब धरती की छाया से होकर जाता है तो सुपरमून या लाल तांबे के रंग जैसा नजर आता है। आमतौर पर ऐसे हर चंद्र ग्रहण को एक खास नाम दिया जाता है, उसी क्रम में इस चंद्रगहण का नाम भी अपने में खास है। ये सुपर ब्लड वुल्फ मून 20 जनवरी की शाम 8 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगा और 21 जनवरी को 1 बजकर 18 मिनट पर पूर्ण हो जायेगा। हांलाकि ये भारत में नहीं दिखाई देगा जिसके चलते इसका धार्मिक रूप से कोई अधिक महत्व नहीं है फिर भी ग्रह गोचर में परिर्वतन हर संजीव और निर्जीव पर कोई ना कोई प्रभाव तो डालता ही है।
राशियों पर ऐसा होगा प्रभाव
ये चंद्र ग्रहण अपनी ही राशि कर्क पर पड़ रहा है जिसके चलते ये सभी राशियों पर अलग अलग प्रभाव डालेगा। आइये जाने राशि के अनुसार क्या होगा असर। मेष वालों के लिए व्यथा पूर्ण, वृष राशि पर फल प्राप्ति दायक, मिथुन राशि के लिए हानिकारक, कर्क राशि पर घात चक्र, सिंह राशि पर क्षतिपूर्ण, कन्या राशि के लिए लाभदायक, तुला राशि के लिए सुखपूर्ण, वृश्चिक राशि के लिए मान भंग करने वाला, धनु राशि वालों के लिए कष्टकारी, मकर राशि वालो को होगी स्त्री चिंता, कुंभ राशि के लिए सुखकारी आैर मीन राशि वालों के लिए ग्रहण चिंतादायक रहेगा।
कुछ जनजातियों ने दिया ये नाम
ऐसा कहा जा रहा है कि इस ग्रहण को ये अनोखा नाम नेटिव अमेरिकी जनजातियों ने दिया है। उनके अनुसार पूर्णिमा की रात को भोजन की तलाश में निकलने वाले भेड़िये तांबे के रंग के लाल चांद को देख कर चिल्लाते हैं। इसी के चलते इस चंद्र ग्रहण को वुल्फ मून नाम दिया गया। बाद में ये सुपर ब्लड वुल्फ मून कहलाने लगा। बताया जा रहा है कि ये ग्रहण एक से ज्यादा खगोलीय घटनाओं के संयोग का कारण बनेगा। सुपर ब्लड वुल्फ मून खुली आंखों से देखा जा सकता है। इस चंद्रगहण के साथ भी आम ग्रहण से जुड़े प्रभाव काम करेंगे। जैसे इस दौरान गर्भवती महिलाएं संभल कर रहें। ऐसा इसलिए है क्योंकि ग्रहण की अवधि में सूर्य हो या चंद्रमा दोनों से हानिकारक किरणें प्रवाहित होती है जो समस्या पैदा कर सकती हैं।
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