होरी रे रसिया : ब्रज में कब-कब होगी कौन-कौन सी होली
अपनी लोक कलाओं, विधाओं और संस्कृति के लिए देश और दुनिया में विख्यात ब्रज की होली का रंग ही निराला होता है। खास बात ये है कि ये रंग लगातार चटख होता जा रहा है। 40 दिवसीय फाग महोत्सव की शुरुआत का शंखनाद करने वसंत पंचमी के दिन जगह-जगह डांड़ा
मथुर। अपनी लोक कलाओं, विधाओं और संस्कृति के लिए देश और दुनिया में विख्यात ब्रज की होली का रंग ही निराला होता है। खास बात ये है कि ये रंग लगातार चटख होता जा रहा है। 40 दिवसीय फाग महोत्सव की शुरुआत का शंखनाद करने वसंत पंचमी के दिन जगह-जगह डांड़ा तो गड़ ही गए हैं, अब होली का धमाल चरम पर पहुंचने को उतावला है।
26 फरवरी को बरसाना में लड्डू होली के साथ ही ब्रज होली के अमिट रंग में रंगने लगेगा। इस नजारे में सराबोर होने के लिए दुनिया भर से लोग यहां आते हैं। आलम ये है कि होटल-गेस्टहाउस में बंपर बुकिंग हो रही है। ट्रेनों में मथुरा के लिए आरक्षण फुल हो चुके हैं।
लड्डू होली, बरसाना की लठामार होली, बलदेव का हुरंगा और मुखरई का चरकुला नृत्य ब्रज की होली के प्रमुख आकर्षण हैं। ब्रज में होली चालीस दिन तक रहती है। होटल क्लार्क इन के प्रबंधक उमेश कुमार ने बताया कि होली पर कमरे हाउसफुल हो चुके हैं। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप ने बताया कि होली के लिए कमरों की बुकिंग लगातार आ रही है।
इन ट्रेनों में अब जगह नहीं- पंजाब मेल में 15 आरएसी, पश्चिम एक्सप्रेस में 91, मंगला एक्सप्रेस में 47, गोल्डन टेंपल में 21 वेटिंग चल रही है। जम्मू की ओर मालवा एक्सप्रेस में 50 और ङोलम एक्सप्रेस में 47 वेटिंग पहुंच गई है। राधाबल्लभ मंदिर से शोभायात्रा- रंगभरनी एकादशी को प्राचीन राधाबल्लभ मंदिर से भव्य शोभायात्रा निकलेगी। जिसमें देश-दुनिया के भक्तों के साथ मंदिर सेवायत शामिल रहेंगे। इसी दिन मथुरा मार्ग स्थित पागल बाबा मंदिर से हाथी पर सवार होकर भगवान श्रीराधाकृष्ण के स्वरूप भक्तों पर गुलाल उड़ाते निकलेंगे।
बरसाना में लठामार होली की पहली चौपाई आज-
बरसाना की विश्व प्रसिद्ध लठामार होली के लिए शिवरात्रि यानि मंगलवार को पहली चौपाई का गायन होगा। गोस्वामीगण रंगीली गलियों में चौपाई गायन करेंगे। दूसरी चौपाई गायन लठामार होली वाले दिन होगा।
कोसी के गांव फालैन में मेला- पांच मार्च को मेला शुरू होगा। कई गांवों के हुरियारे ढोल-नगाड़ों के साथ परिक्रमा करेंगे। रात्रि में विविध कार्यक्रम होंगे। अर्ध रात्रि के बाद से ही पंडा अग्नि परीक्षा के लिए दीपक की लौ पर हाथ रख लग्न का समय निर्धारित करेगा। 16 मार्च- प्रात: तीन बजे होलिका के चारों ओर हुरियारे तैयारी करेंगे। इसके बाद पंडा करीब एक घंटे के अंतराल में धधकते अंगारों से निकलेगा।
गांव जटवारी 15 मार्च- सुबह मेला स्थल पर होलिका का निर्माण होगा। ईंधन रखा जाएगा और पूजन होगा। शाम से मंदिर पर पूजा शुरू होगी। हुरियारे जगह-जगह ढोल नगाड़ों के साथ समाज गायन करेंगे। दस बजे पंडा अंगारों से निकलेगा। एक मार्च को रंगभरनी एकादशी से होलिका दहन वाले दिन तक ठा. बांकेबिहारी जी गर्भ गृह के बाहर भक्तों को दर्शन देंगे। इस दौरान हर मंदिर, देवालय और आश्रम में रंगों की होली शुरू हो जाएगी। ठाकुरजी अपने भक्तों के साथ तो श्रद्धालु-पर्यटक एक-दूसरे पर रंग डाल होली के अल्हड़पन का भरपूर फायदा उठाएंगे। रंगभरनी एकादशी पर भोर से लेकर देर शाम तक पंचकोसीय परिक्रमा में भक्तों का भारी हुजूम उमड़ेगा।
ब्रज में कब-कब होगी कौन-कौन सी होली-
22-फरवरी रमणरेती, महावन में फूलों की होली।
26 फरवरी- बरसाना की लड्डू होली।
27 फरवरी -बरसाना की लठामार होली।
28 फरवरी-नंदगांव की लठामार होली, रावल की लठामार होली।
1 मार्च-कृष्णजन्म भूमि की लठामार होली।
2 मार्च-गोकुल की छड़ीमार होली।
5 मार्च-होलिका दहन।
6 मार्च- धुलेड़ी1
7 मार्च- दाऊजी, जाब, नंदगांव का हुरंगा, मुखरई का चरकुला।
8 मार्च-गिडोह का हुरंगा।