यहां है एशिया का सबसे पुराना चर्च इसे बनाने में 90 साल लग गए थे
ईसाई धर्म के अनुयाइयों का धर्मस्थल होता है 'चर्च'। जहां प्रभु यीशु की वंदना की जाती है। चर्च का बाइबिल में नाम 'द चर्च ऑफ़ गॉड' दिया गया है।
एक सर्वेक्षण के अनुसार कोच्चि आज भी भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटक आकर्षणों में छठे स्थान पर है। यहां एशिया का सबसे बड़ा 'कैथेड्रल चर्च' है। यह चर्च बासिलिका बोने जीजस चर्च के ठीक सामने बना है। इसे बनाने में 90 साल लग गए थे। 1562 में इसे बनाना शुरू किया गया। यह सुंदर चर्च पुर्तगाली शासकों के मुस्लिम सैनिकों को हराने के बाद गोवा पर अधिकार की याद में बनवाया गया था।
इसके अलावा केरल में ही ओल्ड गोवा में स्थित बासिलिका बोन जीजस चर्च, सेंट फ्रांसिस जेवियर को समर्पित है। बासिलिका बोन जीजस चर्च में सेंट फ्रांसिस जेवियर के अवशेष रखे गए हैं। सेंट फ्रांसिस जेवियर, पुर्तगाल के राजा और पोप के कहने पर 1541 में भारत आए। चर्च के अंदरूनी भाग में सेंट फ्रांसिस के अवशेष चांदी के ताबूत में रखे गए हैं।
क्या होता है चर्च
ईसाई धर्म के अनुयाइयों का धर्मस्थल होता है 'चर्च'। जहां प्रभु यीशु की वंदना की जाती है। चर्च का बाइबिल में नाम 'द चर्च ऑफ़ गॉड' दिया गया है। बाइबिल के अनुसार, 'परमेश्वर चीज़ों का नाम वैसा ही रखता है जैसी वे होती हैं।' न्यू टेस्टामेंट में बारह विभिन्न स्थानों पर एकवचन और बहुवचन दोनों रूपों में इस नाम का उल्लेख स्पष्ट रूप से किया गया है।
लिविंग चर्च ऑफ़ गॉड के सदस्य दुनियाभर के अनेक देशों में हैं जो जीसस क्राइस्ट द्वारा दिए गए इस ग्रेट कमीशन को कार्यान्वित करने का प्रयास करते हैं। सभी देशों को गवाह के तौर पर परमेश्वर के साम्राज्य के सच्चे उपदेश (मार्क 1:14; मैथ्यू 24:14; इज़ीकीएल 3 और 33), और जीसस क्राइस्ट का नाम (एक्ट्स 8:12) सुनाना। और परमेश्वर जितना भी संभव बनाए, हमारे सदस्यों की आध्यात्मिक और सांसारिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए सत्संग में प्रवचन देना और स्थानीय चर्च सभाएं आयोजित करना (1 पीटर 5:1-4; जॉन 21:15-18)।