नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Garuda Purana: हिन्दू धर्म में गरुड़ पुराण को भगवान विष्णु का अंश माना जाता है। इस महापुराण में भगवान विष्णु ने अपने प्रिय वाहन गरुड़ देव से हुई वार्तालाप को अंकित किया गया है। गरुड़ पुराण में न केवल जीवन व मरण की बात कही गई है, बल्कि इसमें दैनिक व्यवहार एवं सफलता की कुछ विशेष गुणों के बारे में भी बताया गया है। माना जाता है कि जो लोग गरुड़ पुराण में बताए गए नियमों को अपने जीवन में अपनाते हैं, उन्हें कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है और वह अपने जीवन में सदैव सफलता प्राप्त करते हैं। आइए गरुड़ पुराण के इस भाग में कुछ ऐसे ही गुणों के विषय में बात करते हैं, जिसमें भगवान विष्णु ने बताया है कि व्यक्ति को किन तीन कार्यों को कभी भी अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए।
जल्दी लौटा देना चाहिए ऋण
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति उधार पर पैसा लेता है, उसे अपना ऋण जल्दी वापस कर देना चाहिए। ऐसा करने से न केवल आपसी संबंध मजबूत रहते हैं, बल्कि भविष्य में आने वाली कई संकट टल जाते हैं। लंबे समय तक दूसरों का पैसा रखने से कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
शत्रुता को करें समाप्त
जीवन में बैर रखना और बदले की हीन भावना रखना बहुत ही आसान है। किंतु जो व्यक्ति शत्रु को खत्म ना करके शत्रुता को खत्म कर देता है, उसे ही श्रेष्ठ कहा जाता है। ऐसे व्यक्ति को ही भगवान के चरणों में स्थान प्राप्त होता है।
इस कार्य को बिल्कुल ना छोड़े अधूरा
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति रिश्तो में उठ रही कड़वाहट को दूर कर देता है। वही सफल जीवन व्यतीत करता है। लेकिन जो लोग दूसरों के रिश्ते में कड़वाहट के बीज बोता रहता है, उसे न केवल सांसारिक जीवन में बल्कि मृत्यु के उपरांत भी दुख भोगना पड़ता है।
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