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विरोध स्वरूप गंगा की मिट्टी से बनाई गणपति प्रतिमा और किया गंगा में विसर्जन

गंगा में प्रतिमा विसर्जन का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। गुरुवार को भी दिन भर शहर में मंगलवार की रात पुलिस लाठी चार्ज में साधु-संतों, बटुकों व आमजनों के घायल होने को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए। लाठीचार्ज में घायल अविमुक्तेश्वरानंद दोपहर तीन बजे मंडलीय अस्पताल से डिस्चार्ज होने

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2015 12:49 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2015 12:53 PM (IST)

वाराणसी । गंगा में प्रतिमा विसर्जन का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। गुरुवार को भी दिन भर शहर में मंगलवार की रात पुलिस लाठी चार्ज में साधु-संतों, बटुकों व आमजनों के घायल होने को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए। लाठीचार्ज में घायल अविमुक्तेश्वरानंद दोपहर तीन बजे मंडलीय अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद केदारघाट पहुंचे। वहां उन्होंने प्रतीक स्वरूप गंगा की मिटटी से बनाई गणपति की प्रतिमा का गंगा में विसर्जन किया। काशी की दुर्गा पूजा समितियां भी गुपचुप आगे की रणनीति तय करने में जुट गई हैं। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा गुरुवार की दोपहर बनारस पहुंचे। वह भाजपा के समस्त पदाधिकारियों व जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे व रिपोर्ट राष्ट्रीय व प्रदेश अध्यक्ष को देंगे।
केदार मठ में सभा : गंगा में प्रतीकात्मक विसर्जन के बाद श्रीकेदार मठ में संतों व प्रबुद्धजनों की सभा हुई। इसमें प्रस्ताव पास किया गया कि हाईकोर्ट इस मसले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करे। बाबा रामदेव मामले का उदाहरण देकर कहा गया कि अदालत का आदेश है कि आधी रात को लाठीचार्ज नहीं कर सकते हैं।
पीएम के संसदीय दफ्तर पर प्रदर्शन : रवींद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय पर ब्रह्मा वेद विद्यालय (अस्सी) के बटुकों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी के बीच उन्होंने लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन में विश्व ङ्क्षहदु परिषद, दुर्गा वाहिनी व बजरंग दल के लोग भी शामिल थे।
छात्रों ने की पदयात्रा : संत समाज पर लाठीचार्ज के विरोध में संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्रों ने दक्षिणी गेट से पदयात्रा निकाली। यह लहुराबीर आजाद पार्क से होती हुई संस्कृत विवि में समाप्त हुई। विश्वविद्यालय के गेट पर कुछ देर चक्का जाम भी किया गया।
गौरतलब है कि काशी मराठा गणेशोत्सव समिति की ओर से सोमवार की शाम गणपति प्रतिमा विसर्जन के लिए निकाली गई थी। इसे गोदौलिया पर रोक दिया गया था। अंतत: तीस घंटे के धरने के बाद प्रशासन ने मंगलवार की आधी रात लाठी भांजकर लोगों को हटाया और जबरन मूर्ति विसर्जित कर दी। इस दौरान बटुकों पर भी बेतरतीब लाठियां बरसाई गई थीं।
अब धर्म संसद करेगी फैसला-स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अस्पताल में कहा कि गंगा के मुद्दे पर हो रही मनमानी और परंपराओं से खिलवाड़ का फैसला धर्म संसद करेगी। जल्द ही धर्म गुरुओं को काशी में आमंत्रित किया जाएगा।
एसपी ने कहा, गंगा में मूर्ति विसर्जन नहीं-एक दिन पूर्व कार्यभार संभाले एसएसपी आकाश कुलहरि ने गुरुवार को कहा कि कि किसी भी हाल में गंगा में मूर्तियां विसर्जित नहीं होंगी। विसर्जन के लिए युद्धस्तर पर स्थान की तलाश की जा रही है। पूजा समितियों से भी सुझाव मांगे जाएंगे।

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