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पांच को ‘काशी बंद’ का आह्वान

पांच अक्टूबर को संत व काशीवासी ‘अन्याय प्रतिकार यात्र’ निकालने पर प्रतिबद्ध हैं। शुक्रवार को केदार घाट के शंकराचार्य आश्रम में यात्र के बाबत भावी रणनीति तय की गई। इस दिन ‘बनारस बंद’ का आह्वान भी किया गया। यात्र में देशभर के संतों सहित विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक व स्वयंसेवी संगठनों की

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2015 03:34 PM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2015 03:37 PM (IST)

वाराणसी । पांच अक्टूबर को संत व काशीवासी ‘अन्याय प्रतिकार यात्र’ निकालने पर प्रतिबद्ध हैं। शुक्रवार को केदार घाट के शंकराचार्य आश्रम में यात्र के बाबत भावी रणनीति तय की गई। इस दिन ‘बनारस बंद’ का आह्वान भी किया गया। यात्र में देशभर के संतों सहित विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक व स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर सहमति बनी। इस बात पर क्षोभ व्यक्त किया गया कि शासन-प्रशासन यात्र रोकने पर आमादा है।

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संगठनों को जोड़ने की पहल1श्रीविद्या मठ में विभिन्न सामाजिक व व्यापारिक संगठनों को जोड़ने की पहल की गई। 22 सितंबर को गंगा में मूर्ति विसर्जन न करने देने तथा संतों पर लाठीचार्ज के दोषियों को कड़ी सजा देने की भी मांग जोरदार ढंग से उठी। करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का विसर्जन पावन गंगा की गोद में ही करने का संकल्प लिया गया।

सबकी सक्रिय भागीदारी

सभा में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों, साधु-संतों व विद्वानों ने भाग लिया। इस दौरान लोगों ने संकल्प लिया कि सनातनी परंपरा का निर्वहन करते हुए मां गंगा की गोद में विसर्जन किया जाएगा।श्री विद्यामठ में आयोजित सभा के दौरान अपना विचार व्यक्त करते वक्ता।


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