अयोध्या में सावन झूला मेला 10 से होगा शुरू, दूर दराज से आएंगे श्रद्धालु
हर साल की तरह इस साल भी अयोध्या में सावन महीने में लगने वाला प्रसिद्ध झूला मेला शुरू होने जा रहा है। इसकी शुरूआत आने वाली 10 जुलाई से होगी।
जोर शोर से तैयारी शुरू
फैजाबाद के अयोघ्या में हर साल श्रावण झूला मेला का आयोजन किया जाता है। इस साल भी इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। पंद्रह दिन का ये मेला उत्सव इस बार 10 जुलाई से प्रारंभ होगा। प्राथमिक तैयारियों में अयोध्या की खराब सड़कों को ठीक करवाया जा रहा है और मेला क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने के लिए व्यापक व्यवस्था की जा रही है। मेले की व्यवस्था देखने वाले विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि पूरे क्षेत्र को बीस सेक्टरों में विभाजित करके सेक्टर प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे। अयोध्या के विभिन्न घाटों तथा यातायात नियंत्रण के लिए छह जोन बनाए जाएंगे। प्रत्येक क्षेत्र में एक जोनल मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जाएगी, जो आने वाले तीर्थयात्रियों के सही दिशा में चलने एवं निगरानी रखने के लिए कार्य करेंगे। सरयू तट के किनारे कच्चा घाट, पक्का घाट और बंधा तिराहा पर वॉच टॉवर तथा सीसीटीवी कैमरों की स्थापना की जा रही है।
सुरक्षा और पूरी सुविधा
ये भी बताया गया है कि अयोध्या में प्रसिद्ध मंदिर हनुमानगढ़ी के सीढ़ियों पर फिसलन को देखते हुए बालू का छिड़काव कराया जा रहा है। इसके अलावा कच्चा घाट एवं पक्का घाट पर लगभग पैंतीस नावें तैनात की जा रही हैं जिससे श्रद्धालु सुरक्षित ढंग से सरयू नदी में स्नान कर सकें। भीड़ को नियंत्रित करने और सुगम मार्ग देने के लिए विभिन्न मंदिरों के रास्तों पर करीब पन्द्रह सौ बैरियर लगाए जा रहे हैं। मेले में पेयजल, खाद्य आपूर्ति, चिकित्सा व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था, जल बैरीकेटिंग के साथ-साथ जगह-जगह वॉच टॉवरों की भी स्थापना की जा रही है। मेला क्षेत्रों में गंदगी व्याप्त न हो इसके लिए लगभग चार सौ सफाईकर्मी तथा अस्थायी शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है।
हर साल आते हैं लाखों श्रद्धालु
मेले के प्रबंधन से जुड़े लोगों का कहना है कि हर साल इस मेले में देश के दूरदराज इलाकों से लाखों श्रद्धालु अयोध्या आते हैं और मेले का आनन्द उठाते हैं। इस साल अयोध्या सावन झूला मेला दस जुलाई को शुरू हो रहा जो पंद्रह दिन बाद सात अगस्त को समाप्त होगा। मेला क्षेत्र में करीब आठ जगहों पर स्वास्थ्य केन्द्र बनाये गये हैं। विभिन्न मार्गों पर खोया-पाया शिविर भी लगाए गए हैं।