Move to Jagran APP

भागन तै फागुन आयौ, हौरी खेलूंगी श्याम संग..

हुरंगा के रंगों में रविवार को गांव बठैन में जाब गांव के हुरियारों ने जवाबी हमला बोला। बलराम के सखा स्वरूप हुरियारों ने झाडिय़ों की ओट लेकर राधा की सखियों संग होली खेली, तो हुरियारिनों के हर वार से मदमस्त भी हुए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 09 Mar 2015 02:18 PM (IST)Updated: Mon, 09 Mar 2015 02:23 PM (IST)
भागन तै फागुन आयौ, हौरी खेलूंगी श्याम संग..

कोसीकलां। हुरंगा के रंगों में रविवार को गांव बठैन में जाब गांव के हुरियारों ने जवाबी हमला बोला। बलराम के सखा स्वरूप हुरियारों ने झाडिय़ों की ओट लेकर राधा की सखियों संग होली खेली, तो हुरियारिनों के हर वार से मदमस्त भी हुए।

loksabha election banner

रविवार को गांव जाब के हुरियारे दाऊ जी की प्रतीक झंडी को लेकर गांव के दाऊजी मंदिर पर एकत्रित हुए। मंदिर में भागन तै फागुन आयौ, हौरी खेलूंगी श्याम संग.., नंदी भागन तै फागुन आयौ जैसे रसिया के स्वर गूंजते रहे। समाज गायन के बाद जाब के हुरियारे ढोल-नगाड़े लेकर नाचते-कूदते हुरंगा के मैदान में पहुंचे। हाथों में ढप-ढोल बजाते हुए गायन कर रहे थे। पीछे झाडिय़ां लेकर युवक चल रहे थे। जहां चुनरी की ओट से हुरियारिनों ने हुरियारों के हल स्वरूप खुर्रा पर वार किया। करीब 40 फीट के आकार के गोल घेरे में हुरियारे भागते हुए हुरियारिनों की लाठियों के प्रहार को रोक रहे थे। इस बीच बलदाऊ की जय, राधा रानी के जयघोष गूंजते रहे। हुरियारिनें दाऊजी की झंडी लेने की कोशिश करती रहीं। प्रेमभाव की ये लीला रविवार को फिर जीवंत हो गई।

हुआ हुरियारों का स्वागत- कोकिलावन के संत प्रेमदास महाराज, मिश्रीदास महाराज, विजेंद्र, गुलाब, खूबी पहलवान, गोपी मुकदम, भगवान सिंह, परमानंद, गोविंद, रामहेत, रूपचंद मुनीम, लल्लन मुखिया, खचेरा प्रधान, डालचंद चौधरी ने बठैन पहुंचकर दाऊजी मंदिर में समाज गायन में हिस्सा लिया। इसके बाद हुरियारों एवं सरदारी का स्वागत किया

नंदगांव के हुरियारे पहुंचे गिडोह - श्री कृष्ण और उसके सखाओं की गेंद खेलने की स्थली गिडोह में हुरियारिनों ने नंदगांव के हुरियारों पर जमकर प्रेम पगी लाठियां बरसाईं। नंदगांव के वायु कोण स्थित गिडोह में रविवार को द्वापर जैसा नजारा था। नंदगांव के हुरियारे बलदाऊ जी की प्रतीक ध्वजा के साथ होली के रसिया गाते ढप, झांझ, ढोल और नगाड़े के साथ अपनी मस्ती में मस्त गिडोह पहुंचे। जलपान के बाद हुरियारे होली के रसिया और समाज गायन करते लाला वाली गली से होते हुए गांव के मध्य बने बीच के मंदिर पहुंचे। फिर हंसी ठिठोली करते हुए चौक पर एकत्रित हुए कि तभी हुरंगा चौक में पहले से तैयार हुरियारिनों उन पर प्रेमपगे ल_ बरसाने लगीं। प्रहार से बचने के लिए हुरियारे लकड़ी के हत्थों से अपना बचाव कर रहे थे। लगभग आधा घंटे चली लठामार के दौरान दर्शक रोमांचित होकर राधाकृष्ण के जयघोष करने लगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.