बुध ने बदला पाला, वृष राशि में डेरा डाला
बुद्ध के राशि परिवर्तन के इस अवधि में क्या परिणाम हो सकते हैं इस पर पंडित दीपक पांडे ने अपनी संभावनायें बताई हैं।
बुद्ध का राशि परिर्वतन
भारतीय ज्योतिष के नौ ग्रहों में बुद्ध प्रमुख भूमिका निभाते हैं। बुद्धि और वित्त के कारक बुद्ध भुवन भास्कर सूर्य के साथ 27 मई 2018 को वृष राशि में प्रवेश कर चुके हैं। यहां वे 26 जून 2018 तक रहेंगे। वहीं 27 मई 2018 से 14 जून तक सूर्य व बुध की युति रहेगी। गुप्त कालखंड में सूर्य बुध का बुधादित्य योग होगा जो विद्यार्थियों के लिए हितकारी होगा। इस अवधि में परीक्षा परिणाम आने बाद विद्यार्थियों को विषय चयन और विद्यालय के चयन में आसानी होगी। हांलाकि शुक्र की राशि वृष में सूर्य व बुध की युति ज्योतिष की दृष्टि से शुभ नहीं हैं क्योंकि बुद्ध विद्यार्थी कारक है वह वित्त मंत्रालय का भी कारक है।
बुद्ध का व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन पर भी प्रभाव पड़ेगा
विभिन्न राशियों के अनुसार बुध का प्रभाव मेष राशि वालों के लिए मानसिक चिंता, पारिवारिक कलह, आय से ज्यादा व्यय जैसी समस्या लेकर आयेगा। वहीं वृष राशि के लिए स्पष्ट बोलना ही घातक होगा, साथ ही इस राशि वालों को निराशा और धन हानि से भी ग्रस्त होना पड़ सकता है। मिथुन राशि का विवेक से लिया गया निर्णय लाभकारी साबित होगा, आरोग्य और सुख की प्राप्ति होगी। कर्क राशि वालों को अशांति, व्यय, क्रोध की अधिकता और दांपत्य जीवन में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सिंह राशि में निराशाजनक समय, सफलता में विलंब, वाद-विवाद से तनाव की स्थितियां पैदा हो सकती हैं। कन्या राशि वालों के लिए लाभ के द्वार खुलेंगे, नवीन संपर्क बढ़ेंगे, नवीन संपर्क, उपयोगी धन आगमन होगा। तुला राशि वालों का आर्थिक पक्ष से निराशा, दांपत्य जीवन में कटुता, जोखिम और निवेश से नुकसान का सामना हो सकता है। वृश्चिक राशि के लिए स्वजनों से या पारिवारिक लोगों से मनमुटाव, अकेलेपन की अनुभूति और आर्थिक लाभ में कमी हो सकती है। धनु राशि वालों की मनोकामनाएं पूर्ण होंगी, नवीन योजना में रुचि होगी, और परोपकार की भावना जागृत होगी। मकर राशि वालों के लिए कार्य में अवरोध, यात्रा से परेशानी, विचारों में उग्रता और कर्ज की चिंता बढ़ेगी। कुंभ राशि को जनसंपर्क का भरपूर अवसर मिलेगा, नवीन उपलब्धि होगी, पुराने विवाद से निजात मिलने की संभावना बढ़ेगी। मीन राशि के लिए चिंता से स्वास्थ्य में गिरावट, बीमारी से सुख में कमी और प्रतिष्ठा का हनन का माहौल पैदा होगा।
कैसे करें सूर्य और बुध की युति में संकट का सामना
सूर्य और बुध की युति के काल में इनको प्रसन्न करने के लिए बुद्धू का सूर्य के साथ वृष राशि में एक साथ रहना अनुकूल नहीं माना जाता है। इस लिए संकट को दूर करने के लिए नियमित सूर्य को अर्ध्य दें, लाल वस्त्र, तांबा, लाल फूल आदि दान दें। रविवार को नमक न खाएं। आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें या आदित्य कवच का पाठ करें। वाणी पर नियंत्रण रखें। शनिवार और रविवार को काला, नीला कपड़ा ना पहनें और शनि की कृपा प्राप्ति के लिए शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं व तेल का दान करें। बुधवार के दिन भगवान गणेश को 24 दूर्वा चढ़ाएं अधिक लाभ के लिए 24 दूर्वा तीन पत्ती की ही चढ़ायें। इन उपायों को श्रद्धा पूर्वक करेंगे तो सूर्य बुध दोनों ही प्रसन्न होंगे।