पौराणिक कथा: जानें सावन को क्यों कहते हैं शिव का महीना
ये तो सब जानते हैं कि सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित है, किंतु उसके पीछे की कहानी क्या आप जानते हैं।
शिव का महीना सावन
सोमवार 10 जुलाई से शुरू हो रहा है सावन का महीना, इस माह को शिव जी की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। सोमवार के स्वामी भगवान शंकर हैं इसलिए सावन की महीने में सोमवार के दिन उनकी पूजा करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं। कहते हैं सावन का महीना शिव जी का प्रिय होने की वजह यह है क्योंकि इस महीने में सबसे ज्यादा वर्षा होती है और अधिक वर्षा शिवजी के विष से गर्म शरीर को ठंडक प्रदान करती है। इस बारे में कई पौराणिक कथायें भी प्रचलित हैं कि शिव को श्रावण मास अत्यंत प्रिय है।
श्रावण और शिव से जुड़ी कथायें
सावन महीने के बारे में सबसे प्रचलित पौराणिक कथा के मुताबिक शिव पत्नी देवी सती के अपने पिता दक्ष के घर योगशक्ति से शरीर त्यागने से पूर्व उन्होंने शिव जी को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण किया था। इसीलिए उन्होंने अपने दूसरे जन्म में पार्वती के रूप में भगवान शिव जी की पूजा की और सावन के महीने में कठोर तप किया। इस पूजा से प्रसन्न होकर शिवजी ने उनसे विवाह कर लिया। तभी से ये महीना शिव जी के लिए प्रिय हो गया। ये कथा स्वयं शिजी ने सनत कुमारों को सुनाई थी जब उन्होंने सावन का महीना प्रिय होने के बारे में पूछा था। एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव जी ने समुद्र मंथन से निकला विष पीकर सृष्टि की रक्षा की थी। यहीं कारण है कि इस महीने को शिव जी का प्रिय महीना माना जाता है।