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क्‍या आप जानते हैं कैसे होते हैं अगहन महीने में जन्‍मे लोग

इंसान के जीवन पर उसके जन्‍म के महीने का गहरा प्रभाव पड़ता है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार अभी अगहन यानि मार्गशीर्ष मास है तो जाने इसके प्रभाव के बारे में।

By Molly SethEdited By: Published: Fri, 24 Nov 2017 02:16 PM (IST)Updated: Fri, 24 Nov 2017 02:16 PM (IST)
क्‍या आप जानते हैं कैसे होते हैं अगहन महीने में जन्‍मे लोग
क्‍या आप जानते हैं कैसे होते हैं अगहन महीने में जन्‍मे लोग

12 महीनों के अलग अलग प्रभाव 

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अंग्रेजी महीनों की तरह हिंदी में भी 12 महीने होते हैं। इन महीनों में जन्‍म लेने वाले लोगों पर अलग अलग प्रभाव होता है और उसके अनुसार ही उनका भविष्‍य यानी जीवन की दशा और दिशा तय होती है। चैत्र से शुरू होने वाले हिंदी कैलेंडर में इस समय मार्गशीर्ष यानि अगहन का महीना चल रहा है। तो आइये पं. विजय त्रिपाठी ‘विजय’ से जानें इस महीने के प्रभाव के बारे में। 

आकर्षक व्‍यक्‍तित्‍व

इस मास में जन्‍म लेने वाले चुम्बकीय आकर्षण शक्ति से संपन्‍न होते हैं। ये अपनी शक्ति का विकास चरम रूप से कर सकते हैं, इसीलिए इनमें कई बार डिक्टेटरशिप की प्रवत्‍ति दिखती है। ये हर विषय में अपनी राय को सबसे ऊपर रखना चाहते हैं। इस माह के कृष्ण पक्ष में जन्‍म लेने वाले स्‍वभाव से पराक्रमी होते हैं। ये लोग ज्ञान, विज्ञान और राजनीतिक आदि अनेक विषयों के ज्ञाता होते हैं। धैर्य और गतिशीलता, इनके जीवन में कूट कूटकर भरी होती है।

हर रंग का चरम

ये लोग प्रारम्भिक जीवन में कुछ विलासी होते हैं, परन्तु मध्य आयु तक आते आते इनका जीवन ऐसा बदलता है कि इन्हें त्यागमयी जीवन व्यतीत करना पड़ता है। इसमें भी ज्‍यादातर लोग महानता के चरम तक जाते हैं। इस महीने में जन्‍मे कुछ लोगों में ईर्ष्या द्वेष की भावना भी प्रबल होती है। कभी कभी तो ये दूसरों के लिए कष्टदायक या खतरनाक हो जाते हैं। इनसे पार पाना सरल काम नहीं है, एक बार जिससे नाराज हो गए तो फिर उसे बड़े से बड़ा नुकसान पहुंचाने से नहीं चूकते। 

 

कभी नरम कभी गरम 

वैसे तो ये इरादों के पक्‍के होते हैं पर कभी खास परिस्‍थितियों में नरम पड़ जाते हैं, जैसे वैशाख मास वालों से इनकी अच्‍छी जमती है और उनके लिए सहयोगी हो सकते हैं।  ये अपनी दृढ़ता से शत्रु को तर्क वितर्क किये बिना हरा सकते हैं। इनका चरित्र साधारणतया दृढ़ होता है, परन्तु कृष्ण पक्ष में पैदा होने वालों के साथ कई बार उल्‍टा हो जाता है। ऐसे में कभी दुराचार की ओर भी झुक जाते हैं। इस मास वाले स्वयं अपने ही स्वामी होते हैं, किसी के होकर रहने में इनकी रूचि नहीं होती। प्रशंसा एवं चाटुकारिता से दूर भागते हैं और स्पष्टवादी होते हैं। 

हर क्षेत्र में सफल 

ये लोग मंत्री, अभिनेता, सर्जन, प्रोफेसर, शिक्षक, वैज्ञानिक और  कृषक कुछ भी हो सकते हैं हां व्यापारी ये साधारण होते हैं। प्रबन्धकार्य में बहुत सफल होते हैं। ये सहनशील होते हैं ऐसे में अगर आत्म-संयम तथा आत्म-नियंत्रण रखना सीख जायें तो व्‍यापार में भी कामयाब हो सकते हैं। ये मुश्‍किल हालात में भी विचलित नहीं होते और छोटी छोटी बातों में प्रसन्‍न हो जाते हैं। इसके बावजूद यदि थोड़ा सा भी अपमान हो तो ये बर्दाश्‍त नहीं कर पाते। महीने के शुक्ल पक्ष में जनम लेने वाले गणित तथा भूगोल में प्रवीण होते हैं। इन्‍हें देश विदेश घूमना पसंद होता है। 

तिथियों का असर 

अगहन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, तृतीया, अष्टमी, एकादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी तिथि में जन्म लेने वाले मध्यम कोटि के धनी, जबकि सप्तमी, नवमी, दशमी तिथि में जन्म लेने वाले साधारण धनी और चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी तिथि में जन्म लेने वाले अल्प धनी या निर्धन होते हैं। वहीं शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा, द्वितीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, चतुर्दशी पूर्णिमा तिथि में जन्म लेने वाले साधारण धनी, तृतीया, चतुर्थी में जन्म लेने वाले प्रायः निर्धन शेष तिथि षष्ठी, अष्टमी, नवमी, त्रयोदशी में जन्म लेने वाले धनी होते हैं। 


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