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रसिक भूमि पर संगीत की रसधार में भीगे श्रोता

रसिकों की भूमि पर शुक्रवार मध्यरात्रि तक जमकर शास्त्रीय संगीत का रस बरसा। दिग्गजों की साधना। सुर-ताल व राग की जुगलबंदी, तबले की थाप और पखावज के स्वर का जादू ऐसा कि पंडाल में जो भी जहां बैठा था, कार्यक्रम की समाप्ति तक वहीं बैठा रहा। स्वामी रामस्वरूप शर्मा के लीला पंडाल में आयोजित स्वामी हरिदास संग

By Edited By: Published: Sun, 15 Sep 2013 11:02 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2013 11:07 PM (IST)
रसिक भूमि पर संगीत की रसधार में भीगे श्रोता

वृंदावन, जागरण संवाददाता। रसिकों की भूमि पर शुक्रवार मध्यरात्रि तक जमकर शास्त्रीय संगीत का रस बरसा। दिग्गजों की साधना। सुर-ताल व राग की जुगलबंदी, तबले की थाप और पखावज के स्वर का जादू ऐसा कि पंडाल में जो भी जहां बैठा था, कार्यक्रम की समाप्ति तक वहीं बैठा रहा।

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स्वामी रामस्वरूप शर्मा के लीला पंडाल में आयोजित स्वामी हरिदास संगीत एवं नृत्य महोत्सव में शिरकत करने आए नामचीन संगीतज्ञों ने जब स्वामी हरिदासजी को भवांजलि देना शुरू किया, तो संगीत प्रेमियों के दिल झंकृत हो गए। राज्यपाल बीएल जोशी के अभिभाषण के बाद भास्करनाथ की शहनाई से निकलीं स्वर लहरियाें को सुन मंत्रमुग्ध श्रोता सुधबुध खो बैठे। इनके बाद मंच संभाला प्रख्यात पखावज वादक ऋषिशंकर उपाध्याय ने। श्री उपाध्याय ने पखावज से जब राग-रागियों की धुन बिखेरना शुरू किया, तो दर्शक दीर्घा से तालियों की गड़गड़ाहट होने लगी। तानपूरा पर उनका साथ दिया तृप्ति दीक्षित ने।

फिर तबला वादक अशोक पांडे के साथ वायलिन पर सुखदेव मिश्र एवं अन्य साथी कलाकारों ने पखावज, बांसुरी एवं वीणा की जुगलबंदी कर पंचनाद की मनमोहक और अनोखी प्रस्तुति दी। श्री पांडे ने जब तबले पर सीताराम की धुन निकाली, तो श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाई। यह अनोखी धुन श्री पांडे पिछले कई सालों से प्रत्येक मंच पर सुनाते आ रहे हैं। उनका लक्ष्य है कि एक हजार बार मंच पर इस धुन की प्रस्तुति दें।

अंत में प्रख्यात शास्त्रीय गायक राजन-साजन मिश्र ने सुर और लय की जुगलबंदी से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रात का तीसरा पहर और कई प्रस्तुतियों के बाद संगीत प्रेमियों के चेहरे पर खुशी का अहसास बता रहा था कि उनका मन अभी भी भरा नहीं। मंच का संचालन सुनीता बुद्धिराजा ने किया, तो कलाकारों का सम्मान और धन्यवाद ज्ञापन सचिव गोपी गोस्वामी ने किया।

जुगल बंदी पर झूमे संगीत प्रेमी

वृंदावन। आधुनिक वाद्ययंत्रों की स्वर लहरियों, लय, ताल और ध्रुपद गायन के संगम के बीच देर रात्रि तक संगीत प्रेमी झूमते रहे। मौका था स्वामी हरिदास संगीत एवं नृत्य महोत्सव का। स्वामी रामस्वरूप के लीला पंडाल में चल रहे संगीत के इस महासंगम के दूसरे दिन की शुरूआत संतों द्वारा ध्रुपद गायन की मनोरम प्रस्तुति के साथ हुई। हरिदासी परंपरा के संत गोरेलाल के सान्निध्य में बाबा दयालदास, किशोरीशरण दास द्वारा जब धु्रपद गायन में स्वामी हरिदासजी की रचना प्रस्तुत करने लगे तो आधुनिक परिवेश की ख्याति से रू-ब-रू संगीत प्रेमियों के लिए अविस्मरणीय पल बन गया। ध्रुपद संगीत के जनक स्वामी हरिदासजी की रचना को आधुनिक रंगबिरंगी लाइटों की चकाचौंध में जब पेश किया गया तो प्राचीनता और आधुनिकता की यह जुगलबंदी भी काबिलेगौर नजर आई। ध्रुपद की मनोरम प्रस्तुति के बाद शुरू हुआ मोहन वीणा की मंद मंद लहरियों के साथ लोक संगीत की जुगलबंदी ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। पं. सलिल भट्ट और उनके साथियों ने जो समां स्वामी हरिदासजी के इस पवित्र मंच पर बांधा मौजूद हजारों संगीत प्रेमियों की तालियों की गड़गड़ाहट से पंडाल गुंजायमान हो उठा। रात तक शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियों का दौर जारी रहा।

समापन पर शोभायात्रा

वृंदावन। श्री स्वामी हरिदास सेवा संस्थान में नव दिवसीय श्री स्वामी हरिदास आविर्भाव समारोह का समापन शनिवार को नगर में शोभायात्रा के साथ हुआ। शोभायात्रा में दर्जनभर से अधिक सवारियां शामिल थीं। बैंडबाजों की धुन पर श्रद्धालु थिरकते रहे। अटल्ला क्षेत्र स्थित हरिदास नगर में यह समारोह हो रहा था। शोभायात्रा में हरिदासी भक्तों की टोलियां स्वामी हरिदास जी के विभिन्न पदों का सस्वर गान कर रहीं थीं। हरिदास नगर से शुरू हुई शोभायात्रा अटल्ला चौराहा, गांधी मार्ग, विद्यापीठ, अठखंभा, लोई बाजार, प्रताप बाजार आदि अनेक स्थानों पर भ्रमण किया। इसके बाद वापस हरिदास नगर सेवा संस्थान पर जाकर समाप्त हो गई। शोभायात्रा में प्रमुख रूप से बाबा रतन दास, विष्णुदान शर्मा, गोपाल सुल्तानियां, बाबा दयालदास, मोहिनी शरण पुजारी, दीपक भाई, प्रमोद शास्त्री, वृंदावनदास, पप्पू चौधरी, साहब सिंह, विजेंदर आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।

संगीत सम्मेलन

मथुरा, (वृंदावन)। संगीत सम्राट स्वामी हरिदासजी की जयंती पर अखिल भारतीय स्वामी हरिदास संगीत सम्मेलन का आयोजन 15 से 17 सितंबर तक ठा. श्रीराधासनेह बिहारी मंदिर में होगा। इसका उद्घाटन प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतीश दीक्षित व विजय बहादुर पाल करेंगे। कार्यक्रम में ख्याति प्राप्त संगीतज्ञ प्रस्तुति देंगे। उन्हें शास्त्रीय संगीत कला रत्न सम्मान से नवाजा जाएगा। संयोजक आचार्य अतुल कृष्ण गोस्वामी ने बताया कि 15 सितंबर को गुंडेचा ब्रदर्स का ध्रुपद धमार, पूर्व सिने तारिका पद्मश्री बैजयंती माला का भरतनाट्यम, प्रसिद्ध कलाकार धनंजय द्वारा नृत्य नाटिका के अलावा अनिल श्रीनिवासन द्वारा वंशी प्यानो सितार की जुगलबंदी की जाएगी।

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