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गया धाम की श्राद्ध वेदियां

श्राद्ध पर्व सन्निकट है। पूर्वजों के प्रति श्रद्धा का पर्व। नई पीढ़ी में पूर्वजों के प्रति आस्था के जागरण का पर्व। पूर्वजों की पुण्यस्मृति का पर्व। उनके संस्मरणों के पुन:स्मरण और संस्कारों के अनुपालन-अनुशीलन का पर्व। उनकी विरासत-थाती को संजोने के संकल्प का पर्व। गया धाम की श्राद्ध वेदियां

By Edited By: Published: Mon, 08 Sep 2014 02:54 PM (IST)Updated: Mon, 08 Sep 2014 03:18 PM (IST)

गया। श्राद्ध पर्व सन्निकट है। पूर्वजों के प्रति श्रद्धा का पर्व। नई पीढ़ी में पूर्वजों के प्रति आस्था के जागरण का पर्व। पूर्वजों की पुण्यस्मृति का पर्व। उनके संस्मरणों के पुन:स्मरण और संस्कारों के अनुपालन-अनुशीलन का पर्व। उनकी विरासत-थाती को संजोने के संकल्प का पर्व।

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गया धाम की श्राद्ध वेदियां

8 सितम्बर- फल्गु (तर्पण एवं श्राद्ध)

9 सितम्बर- ब्रह्मकुंड, प्रेतशिला, रामकुंड, रामशिला, काकबली (प्रथम)

10 सितम्बर- उत्तर मानस, उदीची, कनखल, दक्षिण मानस, जिह्वालोल, गजाधर भगवान

11 सितम्बर- सरस्वती देवी (तर्पण एवं पंचरत्‍‌न दान), मातंग वापी, धर्मारण्य, बोधगया

12 सितम्बर- ब्रह्म सरोवर, काकबलि (द्वितीय), आम्र सिंचन

13 सितम्बर- रूद्रपद, विष्णुपद, ब्रह्मपद

14 सितम्बर- कार्तिकेय पद, दक्षिणाग्नि पद, गार्हपत्याग्नि पद, आह्वनीयाग्नि पद, सूर्य पद

15 सितम्बर- चंद्रपद, गणेश पद, सम्याग्नि पद, आवसथ्याग्नि पद, दधीचि पद, कण्व पद

16 सितम्बर- मातंग पद, कौंच पद, इंद्र पद, अगस्त्य पद, कश्यप पद, गजकर्ण पद (दूध से तर्पण)

17 सितम्बर- राम गया, सीता कुंड (बालू का पिंडदान)

18 सितम्बर- गया सिर, गया कूप

19 सितम्बर- मुंड पृष्ठ, आदि गया, धौत पद

20 सितम्बर- भीम गया, गो प्रचार, गदालोल

21 सितम्बर- फल्गु तट (दूध तर्पण एवं सायंकाल दीप दान)

22 सितम्बर- वैतरणी (तर्पण एवं गोदान)

23 सितम्बर- अक्षयवट

24 सितम्बर- गायत्रीघाट (दही एवं अक्षत से श्राद्ध)


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