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Devshayani Ekadashi 2023: इस दिन चार महीने विश्राम के लिए चले जाएंगे श्री हरी, जानिए देवशयनी एकादशी की तिथि

Devshayani Ekadashi 2023 हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन देवशयनी एकादशी व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु 4 महीने के लिए शयन अवस्था में चले जाते हैं और विश्राम करते हैं। इस दिन पूजा-पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraPublished: Fri, 26 May 2023 06:21 PM (IST)Updated: Fri, 26 May 2023 06:21 PM (IST)
Devshayani Ekadashi 2023: इस दिन चार महीने विश्राम के लिए चले जाएंगे श्री हरी, जानिए देवशयनी एकादशी की तिथि
Devshayani Ekadashi 2023: कब मनाई जाएगी देवशयनी एकादशी? जानिए तिथि और मुहूर्त-

नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Devshayani Ekadashi 2023: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। देवशयनी एकादशी के दिन से ही भगवान विष्णु चार माह के लिए शयन अवस्था में चले जाते हैं। जिस वजह से इसे देव पद एकादशी, शयनी एकादशी या महा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवशयनी एकादशी से देवोत्थान एकादशी तक भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषनाग पर विश्राम करते हैं। इन चार महीनों में सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। इस दौरान मुंडन, उपनयन संस्कार, विवाह इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण मांगलिक कार्य रोक दिए जाते हैं। मान्यता है कि भगवान विष्णु के शयनकाल में मांगलिक कार्य करने से व्यक्ति को उनका आशीर्वाद नहीं प्राप्त होता है, जिस वजह से विघ्न उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है। आईए जानते हैं कब है देवशयनी एकादशी

देवशयनी एकादशी 2023 तिथि (Devshayani Ekadashi 2023 Date)

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 29 जून 2023 सुबह 03 बजकर 18 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 30 जून सुबह 02 बजकर 42 मिनट पर हो जाएगा। पूजा तिथि के अनुसार, देवशयनी एकादशी व्रत 29 जून 2023, गुरुवार के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 05 बजकर 26 मिनट से दोपहर 04 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

देवशयनी एकादशी व्रत महत्व (Devshayani Ekadashi 2023 Importance)

देवशयनी एकादशी के दिन स्नान एवं दान का विशेष महत्व है। इस दिन गोदावरी नदी में डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में भक्त नासिक में इकट्ठा होते हैं। एकादशी के दिन साधकों को चावल, अनाज, मसाले जैसे विशिष्ट खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए और उपवास रखना चाहिए। उपवास रखने से जीवन में आ रही कई समस्याएं दूर हो जाती हैं और भगवान विष्णु का आशीर्वाद सदैव बना रहता है। इसके साथ देवशयनी एकादशी पर माता लक्ष्मी की उपासना करने से साधकों को धन एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रही आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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