Devshayani Ekadashi 2019 and Wedding Muhurat: 12 जुलाई से निद्रा में चले जाएंगे भगवान विष्णु, 4 माह नहीं गूंजेगी शहनाई
Devshayani Ekadashi 2019 and Wedding Muhurat आषाढ़ शुक्ल एकादशी का नाम देवशयनी एकादशी है। इसका नाम पद्मा एकादशी भी है जो इस वर्ष शुक्रवार 12 जुलाई को पड़ रही है।
Devshayani Ekadashi 2019 and Wedding Muhurat: आषाढ़ शुक्ल एकादशी का नाम देवशयनी एकादशी है। इसका नाम पद्मा एकादशी भी है, जो इस वर्ष शुक्रवार 12 जुलाई को पड़ रही है। आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि के दिन भगवान् विष्णु चार मास के लिए निद्रा में चले जाते हैं। इसके परिणाम स्वरूप इन चार मासों में सभी प्रकार के शुभ कर्म वर्जित होते हैं। इन चार माह शादी, मुंडन, जनेऊ, तिलक आदि जैसे मांगलिक कार्य बंद रहेंगे।
आषाढ़ शुक्ल एकादशी को भगवान क्षीर सागर में शेष-शय्यापर शयन करते हैं। अत: इनका उत्सव मनाने के लिए सर्वलक्षण संयुक्त मूर्ति बनवाएं। अपने सामर्थ्य के अनुसार सोना, चाँदी, ताँबा, पीतल या कागज की मूर्ति (चित्र) बनवाकर गायन -वादन आदि समारोह के साथ विधि पूर्वक पूजन करें।
रात्रि के समय 'सुप्ते त्वयि जगन्नाथे जगत् सुप्तं भवेदिदम्। विबुधे च विबुध्येत प्रसन्नो मे भवाव्यय।। से प्रार्थना करके सुख साधनों से सजी हुई शय्या पर भगवान विष्णु को शयन कराएं। भगवान का सोना रात्रि में, करवट बदलना संधि में और जागना दिन में होता है। इसके विपरीत हो तो अच्छा नहीं।
चार मास ये काम न करें
देवशयन के चातुर्मासीय व्रतों में पलंग पर सोना, भार्या का संग करना, मिथ्या बोलना, मांस, शहद और दूसरे के दिए हुए दही-भात आदि का सेवन करना और मूली, पटोल एवं बैगन आदि का त्याग करना चाहिए।
— ज्योतिषाचार्य पं गणेश प्रसाद मिश्र