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Curse of Mahabharata: जानिए महाभारत काल का एक ऐसा श्राप, जो आज भी महिलाओं पर लगा हुआ है

हिन्दू धर्म ग्रंथो में कई श्रापो का वर्णन है तथा हर श्राप के पीछे कोई न कोई कारण होता था। कुछ श्राप संसार की भलाई के लिए दिए जाते थे तो कुछ श्रापों के पीछे महत्वपूर्ण कथाएं होती थी। ऐसा ही एक श्राप महाभारत काल में दिया गया था।

By Jagran NewsEdited By: Suman SainiPublished: Thu, 25 May 2023 03:13 PM (IST)Updated: Thu, 25 May 2023 03:13 PM (IST)
Curse of Mahabharata महाभारत काल में महिलाओं पर लगाया गया श्राप जो आज तक मौजूह है।

नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क। Curse of Mahabharata: महाभारत काल अपने युद्ध के लिए प्रसिद्ध है। पुराणों के अनुसार कुरुक्षेत्र में लड़ा गया महाभारत का युद्ध, धरती पर लड़ा गया सबसे बड़ा युद्ध है। इस युग में पांडवों और कौरवों के बीच एक भंयकर युद्ध लड़ा गया था। जिसमे भीषण नरसंहार हुआ था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा श्राप है जो महाभारत काल से अब तक महिलाओं पर चला आ रहा है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा मौजूद है। आइए जानते हैं क्या है वह पौरोणिक कथा।

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क्या है पौराणिक कथा

कुंती ने अपनी तपस्या से ऋषि दुर्वासा को प्रसन्न किया था। और इसी के चलते दुर्वासा ने कुंती को एक मंत्र वरदान के रूप दिया था। ऋषि दुर्वासा ने कहा था कि इस मंत्र से जिस-जिस देवता का आवाहन करोगी, उसी देवता के तुम्‍हें पुत्र प्राप्त होंगे। राजकुमारी कुंती ने भूलवश सूर्य देवता का आवाहन कर दिया। जिसके फलस्वरूप कुंती को सूर्य पुत्र कर्ण, वरदान स्वरूप मिल गये। लेकिन समाज के डर से उन्होंने कर्ण को नदी में प्रवाहित कर दिया था।

युधिष्ठिर ने समस्त नारी जाति को क्या श्राप दिया

कुंती ने यह बात पांडवों से छिपाई थी कि कर्ण उनका भाई है। लेकिन युद्ध समाप्त होने के बाद माता कुंती ने पांडवों के पास जाकर उन्हें सच्चाई बता दी। सभी पांडव इस बात को सुनकर दुखी हुए। युधिष्ठिर इस बात पर इतना क्रोधित हो गए कि उन्होंने समस्त नारी जाति को ही श्राप दे दिया कि कभी भी कोई नारी चाहकर भी कोई बात अपने मन में छिपाकर नहीं रख पाएगी। ऐसा माना जाता है कि तभी से महिलाएं कोई बता छिपा नहीं पाती हैं।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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