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कैलास यात्रा के लिए चीन ने नाथुला का मार्ग खोला

चीन ने कैलास मानसरोवर यात्रियों के लिए नाथुला दर्रे से सोमवार को नया रास्ता खोल दिया। अब यात्रियों के लिए बस के जरिये कैलास मानसरोवर तक की यात्रा करना संभव हो जाएगा। इससे पहाड़ी रास्तों पर चलकर और घोड़े पर बैठकर सफर करने की मुश्किलों से बचा जा सकेगा। भारत-चीन

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2015 03:49 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2015 01:38 AM (IST)
कैलास यात्रा के लिए चीन ने नाथुला का मार्ग खोला

गंगटोक। चीन ने कैलास मानसरोवर यात्रियों के लिए नाथुला दर्रे से सोमवार को नया रास्ता खोल दिया। अब यात्रियों के लिए बस के जरिये कैलास मानसरोवर तक की यात्रा करना संभव हो जाएगा। इससे पहाड़ी रास्तों पर चलकर और घोड़े पर बैठकर सफर करने की मुश्किलों से बचा जा सकेगा। भारत-चीन के बीच विश्वास बहाली की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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सोमवार को 43 श्रद्धालुओं ने नाथुला दर्रे से होकर चीन की सीमा में प्रवेश किया। नए रास्ते से पहुंचे पहले जत्थे का चीन के अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। स्वागत समारोह में भारत में चीन के राजदूत ली यूचेंग और बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास के राजनयिक भी मौजूद थे।

पिछले साल चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत यात्रा के दौरान दूसरे रास्ते को खोलने से जुड़ा समझौता किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शी से श्रद्धालुओं की मुश्किलें कम करने के लिए इस रास्ते को खोलने का अनुरोध किया था।

मोदी उत्तराखंड और नेपाल के पारंपरिक दुर्गम रास्तों को ध्यान में रखते हुए कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए दूसरा रास्ता चाहते थे। विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित की जाने वाली यात्रा पूर्व में हिमालय के लिपूलेख दर्रे से होते हुए पूरी होती थी। लिपूलेख दर्रा उत्तराखंड के कुमाऊं से तिब्बत के तकलाकोट शहर को जोड़ता है।

यात्रियों में जबर्दस्त उत्साह

तिब्बत में तकरीबन 6,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैलास के लिए विभिन्न आयु वर्ग और भारत के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं ने नाथुला दर्रा पार किया। तीर्थयात्रियों में कैलास यात्रा को लेकर जबर्दस्त उत्साह था। एक श्रद्धालु भरत दास ने बताया, 'मेरे लिए कैलास मानसरोवर की यात्रा जीवन की एक उपलब्धि के समान है। जीवन में इससे ज्यादा और कुछ नहीं हो सकता। इस साल यात्रा में हिस्सा लेने के लिए 250 लोगों के पहले जत्थे को मंजूरी मिली और ये श्रद्धालु इसी समूह के सदस्य हैं।

चीन ने की विशेष तैयारी

रविवार को चीनी राजदूत ली यूचेंग इसी रास्ते से पहुंचे थे। वे नए मार्ग से सीमा पार करने वाले पहले चीनी अधिकारी बने। यात्रियों का स्वागत करते हुए ली ने कहा था कि तिब्बत की प्रांतीय सरकार ने नए मार्ग को खोलने के लिए बड़े स्तर पर तैयारी की है। इस मार्ग पर नए होटल बनाए गए हैं और सड़कें तैयार की गई हैं। अनुवादकों को प्रशिक्षण, टूर गाइड और भारतीय भोजन की व्यवस्था भी की गई है।

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