Chaturmas 2023: चातुर्मास में मांगलिक कार्यों की बना रहे हैं योजना तो दिसंबर तक टाल दें ये काम
Chaturmas 2023 हिंदू धर्म में चातुर्मास के चार महीनों का विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार इस अवधि में भगवान विष्णु चार मास के लिए विश्राम के लिए क्षीर सागर में चले जाते हैं। साथ ही इस दौरान कुछ मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।
नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Chaturmas 2023 Start Date: वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से चतुर्मास शुरू हो जाता है। हिन्दू धर्म में इन चार महीनों को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि चातुर्मास की अवधि में भगवान विष्णु विश्राम करते हैं और साथ ही इस दौरान सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। वर्ष 2023 में चातुर्मास 4 नहीं अपितु 5 महीने का होगा और इस अवधि में कई प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी।
बता दें कि चातुर्मास की अवधि में सूर्य दक्षिणायन में विराजमान होते हैं और इस दौरान भगवान विष्णु शयन अवस्था में होते हैं। ऐसे में इस अवधि में किए गए मांगलिक कार्यों पर भगवान विष्णु का कृपा नहीं बरसती है, जिस कारण साधक को कुछ समस्याओं का भय बना रहता है। आइए जानते हैं, कब से शुरू हो रहा है चतुर्मास और इस दौरान क्या करें और क्या नहीं?
चातुर्मास 2023 प्रारंभ तिथि
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी की शुरुआत 29 जून को सुबह 03 बजकर 18 मिनट पर हो जाएगी और इस तिथि का समापन 30 जून को सुबह 02 बजकर 42 मिनट पर जाएगा। ऐसे में चतुर्मास 29 जून 2023, गुरुवार से शुरू हो रहा है।
वर्ष 2023 में 5 महीने का होगा चातुर्मास
बता दें कि इस वर्ष अधिक मास के कारण श्रावण मास की अवधि एक नहीं बल्कि 2 महीने की होगी। जिस वजह से इस वर्ष चतुर्मास 4 नहीं अपितु 5 माह का होगा। वहीं कार्तिक मास में देवोत्थान एकादशी के दिन से मांगलिक कार्य पुनः शुरू हो जाएगा।
चतुर्मास में इन कार्यों पर लग जाती है रोक
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि व्यक्ति को चतुर्मास की अवधि में भूमि पूजन, मुंडन, विवाह, तिलक, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार, इत्यादि नहीं करने चाहिए। साथ ही इस अवधि में नए व्यापार की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। इस मास में साधकों को सर्वाधिक भजन एवं कीर्तन में अपना मन लगाना चाहिए।
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