Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने बताया कि क्या है जीवन का कड़वा सच, आप भी जानिए
Chanakya Niti चाणक्य नीति को सफल जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आचार्य चाणक्य द्वारा दी शिक्षा का पालन करके लाखों युवाओं को सदमार्ग मिलने में सफलता प्राप्त हुई है। आज भी चाणक्य नीति का पाठन अधिकांश युवाओं से किया जाता है।
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Chanakya Niti: जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए ज्ञान को सबसे महत्वपूर्ण कहा गया है। लेकिन उत्तम ज्ञान अर्जित करने के लिए योग्य शिक्षक की भी आवश्यकता होती है। बता दें कि विश्व में कई विद्वानों ने अपने ज्ञान के माध्यम से मनुष्य के जीवन को सरल और सफल बनाया है। उन्हीं में से एक शिक्षक हैं आचार्य चाणक्य, जिनके दिशानिर्देशों का पालन करके महान सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य ने मगध पर मौर्य वंश की स्थापना की। आज भी आचार्य द्वारा रचित चाणक्य नीति को सफलता प्राप्त करने के लिए कई युवाओं द्वारा सुना और पढ़ा जाता है। चाणक्य नीति में सफलतापूर्वक जीवनयापन करने के कई विधाएं बताई गई हैं जिनका पालन करके व्यक्ति कई प्रकार के समस्याओं से बच सकता है। लेकिन चाणक्य नीति में एक कड़वा सच भी बताया गया है, जिसे जानना बहुत आवश्यक है।
Chanakya Niti: जीवन का कड़वा सत्य क्या है?
कस्य दोषः कुले नास्ति व्याधिना को न पीडितः।
व्यसनं केन न प्राप्तं कस्य सौख्यं निरन्तरम् ।।
अर्थात- दोष किसके कुल में नहीं है? रोग के कारण दुख किसे नहीं होता है। दुःख किसे नहीं मिलता है और कौन है जो लम्बे समय तक सुखी रहता है। इन सभी का एक ही अर्थ है कि कमी हर जगह और यही एक कड़वी सच्चाई।
इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य बता रहे हैं कि कमी कहां नहीं हैं। ऐसा कोई कुल नहीं है जिसमें दोष ना हो। किसी न किसी प्रकार दोष उत्पन्न हो ही जाता है। ऐसा कोई नहीं है जिसे कभी बीमारी ना हुई हो। इसके साथ जीवन में दुःख और सुख का आना-जाना निरंतर लगा रहता है। इसलिए न कोई पूर्ण रूप से सुखी है और न ही कोई दुखी। इन सभी स्थितियों में एक समान रहने वाला व्यक्ति साधू या महात्मा कहलाता अन्यथा मनुष्य के जीवन में हर पग पर बदलाव आते रहते हैं और यही कड़वी सच्चाई है।
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