चैत्र नवरात्रि के साथ होगी नव संवत्सर की शुरुआत, इस बार कौन हैं राजा और मंत्री
18 मार्च को नवरात्रि के साथ नव संवत्सर का भी आरंभ हो रहा है। ऐसे में जानें कौन से ग्रह हैं नये संवंत के राजा और मंत्री।
पिता और पुत्र का जोड़
हालाकि सूर्य के अपने पुत्र शनि से कभी भी मधुर संबंध नहीं रहे, परंतु फिर भी उनका संतान और पिता का संबंध तो है ही और ये ही खट्टा मीठा रिश्ता नये संवत का विशेष आर्कषण है। पंडित दीपक पांडे ने बताया कि इस बार 2075 नवसंवत्सर के रूप में प्रारंभ हो रहा है और इसके राजा सूर्य देव हैं जबकि मंत्री शनिदेव होंगे। इन दो विरोधी रुख रखने वाले ग्रहों का प्रभाव भी उसी प्रकार होगा।
विरोधकृत संवत्सर
दो विपरीत पहचान रखने वाले ग्रहों के साथ चलने वाला ये संवत्सर इसीलिए विरोधकृत कहलायेगा। इसी के प्रभाव के कारण जहां सूर्य के राजा होने से लोगों के व्यापार में वृद्धि होगी और सामान्य जन के व्वहार में सुधार नजर आयेगा। वहीं दण्डाधिकारी शनि के प्रभाव के चलते अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को कष्ट होगा और उनको उचित दंड भी मिलेगा। लंबित पड़े मुकदमों के फैसले भी सुनने को मिल सकते हैं एवम् लोगों का न्याय व्यवस्था पर विश्वास बढ़ेगा। कुछ अप्रत्याशित परिवर्तन सामाजकि और राजनीतिक स्तर पर देखने को मिल सकते हैं।