Chaitra Navratri 2025: स्कंदमाता की पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, पूरी होगी मनचाही मुराद
ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) की पंचमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही रवि योग का भी संयोग है। इन योग में देवी स्कंदमाता की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि एवं शांति आती है। साथ ही खुशियों से जीवन भर जाता है। चैत्र नवरात्र के दौरान देवी मां दुर्गा की रोजाना पूजा की जाती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, बुधवार 02 अप्रैल को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी एवं पंचमी तिथि है। पंचमी तिथि पूर्णतया देवी स्कंदमाता को समर्पित होता है। चैत्र नवरात्र के पंचमी तिथि पर जगत की देवी मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की विशेष पूजा होती है। इस शुभ अवसर पर साधक भक्ति भाव से देवी स्कंदमाता की पूजा करते हैं। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि और दुख-संकट से निजात पाने के लिए व्रत रखते हैं। स्कंदमाता की पूजा करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

ज्योतिषियों की मानें तो स्कंदमाता को सफेद रंग अति प्रिय है। इसके लिए स्कंदमाता की पूजा के समय उन्हें सफेद रंग के फल और फूल अवश्य ही अर्पित करें। मां पार्वती को ही स्कंदमाता कहा जाता है। जगत की देवी मां पार्वती की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अगर आप भी मां पार्वती की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो नवरात्र के पांचवें दिन भक्ति भाव से देवी शक्ति की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय इन मंत्रों का जप करें। वहीं, पूजा का समापन मां पार्वती की आरती से करें।
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मां पार्वती के 108 नाम
- ॐ पार्वतीयै नमः
- ॐ महा देव्यै नमः
- ॐ जगन्मात्रे नमः
- ॐ सरस्वत्यै नमः
- ॐ चण्डिकायै नमः
- ॐ लोक जनन्यायै नमः
- ॐ सर्वदेवादि देवतायै नमः
- ॐ शिवदुत्यै नमः
- ॐ विशालाक्ष्यै नमः
- ॐ चामुण्डायै नमः
- ॐ विष्णु सोदर्यै नमः
- ॐ चित्कलायै नमः
- ॐ चिन्मयाकरायै नमः
- ॐ महिषासुर मर्दन्यायै नमः
- ॐ कात्यायन्यै नमः
- ॐ काला रूपायै नमः
- ॐ गौरीयै नमः
- ॐ परमायै नमः
- ॐ ईशायै नमः
- ॐ नागेन्द्र तनयै नमः
- ॐ रौद्र्यै नमः
- ॐ कालरात्र्यै नमः
- ॐ तपस्विन्यै नमः
- ॐ गिरिजायै नमः
- ॐ मेनकथमजयै नमः
- ॐ भवन्यै नमः
- ॐ जनस्थानायै नमः
- ॐ वीर पथ्न्यायै नमः
- ॐ विरुपाक्ष्यै नमः
- ॐ वीराराधिथयै नमः
- ॐ हेमा भासयै नमः
- ॐ सृष्टि रूपायै नमः
- ॐ सृष्टि संहार करिण्यै नमः
- ॐ मातृकायै नमः
- ॐ महागौर्यै नमः
- ॐ रामायै नमः
- ॐ रामायै नमः
- ॐ शुचि स्मितयै नमः
- ॐ ब्रह्म स्वरूपिण्यै नमः
- ॐ राज्य लक्ष्म्यै नमः
- ॐ शिव प्रियायै नमः
- ॐ नारायण्यै नमः
- ॐ महा शक्तियै नमः
- ॐ नवोदयै नमः
- ॐ भाग्य दायिन्यै नमः
- ॐ अन्नपूर्णायै नमः
- ॐ सदानंदायै नमः
- ॐ यौवनायै नमः
- ॐ मोहिन्यै नमः
- ॐ सथ्यै नमः
- ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः
- ॐ शर्वाण्यै नमः
- ॐ देव मात्रे नमः
- ॐ त्रिलोचन्यै नमः
- ॐ ब्रह्मण्यै नमः
- ॐ वैष्णव्यै नमः
- ॐ अज्ञान शुद्ध्यै नमः
- ॐ ज्ञान गमयै नमः
- ॐ नित्यायै नमः
- ॐ नित्य स्वरूपिण्यै नमः
- ॐ कमलयै नमः
- ॐ कमलाकारायै नमः
- ॐ रक्तवर्णयै नमः
- ॐ कलानिधाय नमः
- ॐ मधु प्रियायै नमः
- ॐ कल्याण्यै नमः
- ॐ करुणायै नमः
- ॐ हरवः समायुक्त मुनि मोक्ष परायणै नमः
- ॐ धराधारा भवायै नमः
- ॐ मुक्तायै नमः
- ॐ वर मंत्रायै नमः
- ॐ शम्भव्यै नमः
- ॐ प्रणवथ्मिकायै नमः
- ॐ श्री महागौर्यै नमः
- ॐ रामजानयै नमः
- ॐ यौवनाकारायै नमः
- ॐ परमेष प्रियायै नमः
- ॐ परायै नमः
- ॐ पुष्पिन्यै नमः
- ॐ पुष्प कारायै नमः
- ॐ पुरुषार्थ प्रदायिन्यै नमः
- ॐ महा रूपायै नमः
- ॐ महा रौद्र्यै नमः
- ॐ कामाक्ष्यै नमः
- ॐ वामदेव्यै नमः
- ॐ वरदायै नमः
- ॐ वर यंत्रायै नमः
- ॐ काराप्रदायै नमः
- ॐ कल्याण्यै नमः
- ॐ वाग्भव्यै नमः
- ॐ देव्यै नमः
- ॐ क्लीं कारिण्यै नमः
- ॐ संविधेय नमः
- ॐ ईश्वर्यै नमः
- ॐ ह्रींकारं बीजायै नमः
- ॐ भय नाशिन्यै नमः
- ॐ वाग्देव्यै नमः
- ॐ वचनायै नमः
- ॐ वाराह्यै नमः
- ॐ विश्व तोशिन्यै नमः
- ॐ वर्धनेयै नमः
- ॐ विशालाक्ष्यै नमः
- ॐ कुल संपत् प्रदायिन्यै नमः
- ॐ अरथ धुकच्छेद्र दक्षायै नमः
- ॐ अम्बायै नमः
- ॐ निखिला योगिन्यै नमः
- ॐ सदापुरा स्थायिन्यै नमः
- ॐ तरोर्मुला तलंगथयै नमः
पार्वती मां की आरती
जय पार्वती माताजय पार्वती माता।
ब्रह्म सनातन देवीशुभ फल की दाता॥
जय पार्वती माता...
अरिकुल पद्म विनाशिनिजय सेवक त्राता।
जग जीवन जगदम्बा,हरिहर गुण गाता॥
जय पार्वती माता...
सिंह को वाहन साजे,कुण्डल हैं साथा।
देव वधू जस गावत,नृत्य करत ताथा॥
जय पार्वती माता...
सतयुग रूपशील अतिसुन्दर,नाम सती कहलाता।
हेमांचल घर जन्मी,सखियन संग राता॥
जय पार्वती माता...
शुम्भ निशुम्भ विदारे,हेमांचल स्थाता।
सहस्र भुजा तनु धरि के,चक्र लियो हाथा॥
जय पार्वती माता...
सृष्टि रूप तुही हैजननी शिवसंग रंगराता।
नन्दी भृंगी बीन लहीसारा जग मदमाता॥
जय पार्वती माता...
देवन अरज करतहम चित को लाता।
गावत दे दे ताली,मन में रंगराता॥
जय पार्वती माता...
श्री प्रताप आरती मैया की,जो कोई गाता।
सदासुखी नित रहतासुख सम्पत्ति पाता॥
जय पार्वती माता...
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