बदरीनाथ के कपाट 16 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे
भैया दूज के दिन केदारनाथ के कपाट सुबह साढ़े 8 बजे बंद किए जाएंगे। तुंगनाथ के कपाट सात नवंबर को और महमहेश्वर के कपाट 22 नवंबर को बंद होंगे।
बदरीनाथ। चार धाम यात्रा अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर अग्रसर है। विजयादशमी के पावन पर्व पर विधि विधान के साथ बदरीनाथ के कपाट बंद होने की तिथि भी घोषित कर दी गई। वहीं केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट बंद करने का शुभ मुहूर्त भी निकाला गया।
गौरतलब है कि केदारनाथ (एक नवंबर), यमुनोत्री (एक नवंबर) और गंगोत्री (31 अक्टूबर) के कपाट बंद करने की तिथि पहले ही घोषित की जा चुकी है, जबकि बदरीनाथ के कपाट 16 नवंबर को दोपहर बाद तीन बजकर 45 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे।
मंगलवार को बदरीनाथ धाम में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन उनियाल और बदरी-केदार समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह की उपस्थिति में वेदपाठियों ने पंचांग गणना कर तिथि तय की।
धर्माधिकारी भुवन उनियाल ने बताया कि परंपरा के अनुसार 12 नवंबर से कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसके तहत 12 को गणेश पूजन बंद, 13 को आदि केदारेश्वर कपाट बंद, 14 को खटक पुस्तक पूजा और 15 नवंबर को लक्ष्मी को गर्भ गृह में आने का न्योता दिया जाएगा।
जबकि 16 नवंबर को कपाट बंद होने के अवसर पर भगवान का फूलों से श्रृंगार होगा। धर्माधिकारी के मुताबिक कपाट बंद होने के अवसर पर भगवान बदरीनाथ को पहनाए जाने वाला घृत कंबल को बनाने का कार्य माणा की कुवांरी कन्याओं ने शुरू कर दिया है।
परंपरा के अनुसार प्रतिवर्ष माणा की कुंवारी कन्याएं घृत कंबल बनाती हैं। इसके अलावा केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त निकालने के साथ ही द्वितीय केदार मदमहेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद करने की तिथि भी घोषित की गई। पंचांग गणना के बाद वेदपाठियों ने शुभ लग्न निकाला।
इसके तहत भैया दूज के दिन केदारनाथ के कपाट सुबह साढ़े आठ बजे बंद किए जाएंगे। तुंगनाथ के कपाट सात नवंबर को और महमहेश्वर के कपाट 22 नवंबर को बंद होंगे। वहीं गंगोत्री धाम के कपाट 31 अक्टूबर को दोपहर 12.30 और यमुनोत्री धाम के कपाट एक नवंबर को दोपहर बाद 1.24 से 2.45 बजे के बीच बंद किए जाएंगे।