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Ashadha Purnima 2021: आज है आषाढ़ पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त, विशेष योग एवं महत्व

Ashadha Purnima 2021 आषाढ़ मास की पूर्णिमा इस वर्ष आज 24 जुलाई दिन शनिवार को है। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। उन्होंने मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था और सभी पुराणों की रचना की थी।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 09:48 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 07:12 AM (IST)
Ashadha Purnima 2021: आज है आषाढ़ पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त, विशेष योग एवं महत्व

Ashadha Purnima 2021: आषाढ़ मास की पूर्णिमा इस वर्ष 24 जुलाई दिन शनिवार को है। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। उन्होंने मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था और सभी पुराणों की रचना की थी। उनके महान योगदान को देखते हुए आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रुप में मनाते हैं। गुरु पुर्णिमा के दिन गुरु की पूजा की जाती है। जो लोग आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत रखते हैं, वे भगवान विष्णु की आराधना करते हैं और सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण करते हैं। आइए जानते हैं आषाढ़ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त के बारे में।

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आषाढ़ पूर्णिमा 2021 मुहूर्त

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 23 जुलाई दिन शुक्रवार को दिन में 10 बजकर 43 मिनट से हो रहा है। इसका समापन 24 जुलाई को सुबह 08 बजकर 06 मिनट पर हो रहा है। उदया तिथि मान्य होती है, इसलिए आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई दिन शनिवार को है।

आषाढ़ पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन दो योग बन रहे हैं। 24 जुलाई को सुबह में 6 बजकर 12 मिनट से प्रीति योग बन रहा है, जो 25 जुलाई को तड़के 03 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। प्रीति योग को शुभ माना जाता है, इसलिए यह शुभ मुहूर्त है। 24 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इस दिन दोपहर 12 बजकर 40 मिनट से अगले दिन 25 जुलाई को प्रात: 05 बजकर 39 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। यह विशेष कार्यों की सि​द्धि के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है।

आषाढ़ पूर्णिमा पर चंद्रोदय

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का उदय शाम को 07 बजकर 51 मिनट पर होगा। हालांकि चंद्र के अस्त होने का समय प्राप्त नहीं हो रहा है।

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन राहुकाल

इस दिन राहुकाल सुबह में ही है। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन राहुकाल प्रात: 09 बजकर 03 मिनट से सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक है। राहुकाल में शुभ कार्य करने की मनाही होती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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