पौराणिक मत अनुसार यह वही जगह है, जहां भगवान हनुमानजी का जन्म हुआ था
हंपी में घाटियों और टीलों के बीच लगभग 500 से भी अधिक स्मारक चिन्ह हैं।
भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित हंपी नगर यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थलों की सूची में शामिल है। पौराणिक मत अनुसार यह वही जगह है, जहां भगवान हनुमानजी का जन्म हुआ था।
मध्य कर्नाटक में बसा हंपी एक छोटा शहर है, लेकिन पर्यटन के लिहाज से दुनियाभर में अपनी एक अलग पहचान रखता है। हनुमानजी की जन्मस्थली हंपी में भगवान राम का भी भव्य मंदिर है। यह मंदिर माल्यवत पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर को रघुनाथ मंदिर के नाम से जानते हैं।
इस मंदिर के गर्भगृह में चट्टान से काटकर रामायण का एक दृश्य बनाया गया है, जिसमें राम-सीता बैठे हुए और लक्ष्मण उनके साथ खड़े हुए नजर आते हैं। जिस चट्टान को काटकर यह दृश्य बना है, वह मंदिर के शिखर से निकलकर अभी भी ऊपर नजर आता है। मुख्य मंदिर के साथ ही सीता की रसोई है। पूरब और दक्षिण की तरफ मंदिर तक पहुंचने के लिये भव्य द्वार बने हुए हैं।
भारत के मध्यकालीन इतिहास पर नजर डालें तो हंपी कभी प्राचीन नगर विजयनगर की राजधानी थी। हंपी में कई खंडहर है यह सभी चमत्कारी है। हर साल हंपी में हजारों सैलानी और तीर्थयात्री आते हैं।
हंपी में घाटियों और टीलों के बीच लगभग 500 से भी अधिक स्मारक चिन्ह हैं। इनमें मंदिर, महल, तहख़ाने, जलचर खंडहर, पुराने बाज़ार, शाही मंडप, गढ़, चबूतरे, राजकोष ऐसी असंख्य इमारतें हैं। हंपी पर्यटक और तीर्थ यात्री दोनों के लिए स्वर्ग है हंपी का हर मोड़ आश्चर्यजनक है। हंपी जाने का सही समय है नवंबर से फरवरी तक। यहां फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की जा सकती है।