Aashadh Shivratri 2025: जून महीने में कब है मासिक शिवरात्रि? यहां जानें शुभ मुहूर्त एवं योग
धार्मिक मत है कि मासिक शिवरात्रि (June Shivratri 2025) पर भगवान शिव की पूजा करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही अखंड सुहाग की प्राप्ति होती है। वहीं अविवाहित जातकों की शादी शीघ्र हो जाती है। इस शुभ अवसर पर दान भी किया जाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल आषाढ़ महीने में देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। यह पर्व आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। इसके साथ ही आषाढ़ महीने में कई प्रमुख व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं।
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वहीं, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए, आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
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आषाढ़ शिवरात्रि शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 23 जून को रात 10 बजकर 09 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 24 जून को शाम 06 बजकर 59 मिनट पर चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी। मासिक शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है। इसके लिए 23 जून को आषाढ़ माह की शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन निशा काल में पूजा का समय देर रात 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ शिवरात्रि पर दुर्लभ सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 03 बजकर 16 मिनट से हो रहा है। वहीं, इस योग का समापन 24 जून को सुबह 05 बजकर 25 मिनट पर होगा।
इसके साथ ही आषाढ़ शिवरात्रि पर भद्रावास योग का भी संयोग बन रहा है। भद्रावास योग देर रात 10 बजकर 09 मिनट तक है। इस दौरान भद्रा स्वर्ग में रहेंगी। भद्रा के स्वर्ग में रहने के दौरान भगवान शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 22 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 44 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 21 मिनट से 07 बजकर 41 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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