.तो क्या अब जादू दिखाएंगे अफसर
अपनी गलतियों पर पर्दा डाल सरकारी मशीनरी अब कुंभ की जादुई तैयारियों में जुट गई है। पहले चरण के जो काम जून में पूरे हो जाने चाहिए थे, उस पर अक्टूबर में काम शुरू होगा। यही नहीं, गुणवत्ता को हाशिए पर रख इसकी डेडलाइन भी तय कर दी गई है।
इलाहाबाद। अपनी गलतियों पर पर्दा डाल सरकारी मशीनरी अब कुंभ की जादुई तैयारियों में जुट गई है। पहले चरण के जो काम जून में पूरे हो जाने चाहिए थे, उस पर अक्टूबर में काम शुरू होगा। यही नहीं, गुणवत्ता को हाशिए पर रख इसकी डेडलाइन भी तय कर दी गई है।
सरकारी मशीनरी के ढुलमुल रवैये के के कारण कुंभ की तैयारियां काफी पीछे चल रही है। दरअसल तैयारियों को लेकर जो कार्ययोजना बनी थी उसके मुताबिक गत अक्टूबर या नवंबर में कार्य शुरू होने थे, लेकिन विभागों ने कोशिश नहीं की। लिहाजा दिसंबर में टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू हुई उसी दौरान आचार संहिता लगने से काम आगे नहीं बढ़ सका। गत मार्च में नई सरकार के गठन के बाद पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में इस संबंध में हुई कागजी कार्रवाई को भी निरस्त कर नए सिरे से काम शुरू किया गया। टेंडरिंग प्रकिया आदि में दो माह गुजर गए। जून में काम शुरू हुआ। जैसे तैसे एक माह काम चला कि बारिश ने इसमें खलल डाल दिया। लिहाजा काम रोकना पड़ा।
अधिकारी मानते हैं कि यदि काम गत अक्टूबर में शुरू हो गया होता तो इसकी नौबत ही नहीं आती। अब जब समय कम बचा है और सरकार ने विभागों पर नकेल कसी तो यकायक काम में तेजी दिखने लगी है। अधिकारी दावा कर रहे हैं पहले चरण का काम 30 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा इसमें 324 किमी लंबी इलाहाबाद की मुख्य सड़कें और अप्रोच रोड का निर्माण कार्य प्रमुख है।
अक्टूबर में इस पर युद्धस्तर पर काम शुरू होगा। जाहिर है ऐसे में गुणवत्ता की बात बेमानी होगी। स्थानीय स्तर पर हुई समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने खुद इसे माना है। आगामी 24 सितंबर को मुख्य सचिव की प्रस्तावित समीक्षा बैठक में इसी को ध्यान में रखकर महकमे कागजी कार्रवाई में जुटे हुए हैं।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर