1.25 लाख हज यात्रियों को सरकारी अनुदान
इस साल लगभग 1 लाख 25 हजार हज यात्रियों को सरकारी अनुदान दिया जाएगा। इसकी घोषणा शुक्रवार को की गई। इसका अर्थ यह हुआ कि इस यात्रा में होने वाले 4.75 अरब रुपये का खर्च सरकार वहन करेगी।
नई दिल्ली। इस साल लगभग 1 लाख 25 हजार हज यात्रियों को सरकारी अनुदान दिया जाएगा। इसकी घोषणा शुक्रवार को की गई। इसका अर्थ यह हुआ कि इस यात्रा में होने वाले 4.75 अरब रुपये का खर्च सरकार वहन करेगी।
यह फैसला गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली मंत्रीपरिषद की बैठक में लिया गया। हज यात्रियों को दिए जाने वाला यात्रा अनुदान आलोचना के केंद्र में रहा है। मई महीने में अपने एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल के अंदर इसे रद्द किए जाने का आदेश दिया था।
इस योजना के अनुसार एक भारतीय हजयात्री को वापसी के हवाईखर्चे का मामूली किराया देना होता है जो कि इस वर्ष 20,000 है। जबकि अन्य शुल्क, कर और हवाईयात्रा के खर्च सरकार वहन करती है।
हर हजयात्री को सरकार औसत 38,000 रुपये अनुदान देती है। हज यात्रियों को समुद्री मार्ग से न भेजने के फैसले के बाद भारत ने 1973 से हजयात्रियों को अनुदान देने की योजना की शुरुआत की। धार्मिक यात्रा में दिए जाने वाले अनुदान की आलोचना मुस्लिम नेताओं का एक तबका भी करता रहा है।
सरकार ने कहा है कि 17 सितम्बर से शुरू होने वाले हज यात्रा में यात्रियों को ले जाने के लिए 21 आरोहण केंद्र होंगे। कुछ तकनीकी समस्या के कारण पटना से कोई भी सीधी उड़ान हज के लिए नहीं जाएगी। इसके स्थान पर गया को नया आरोहण केंद्र बनाया गया है।
हज के मामले को विदेश मंत्रालय देखता है लेकिन इसके यात्रा की व्यवस्था की जिम्मेदारी नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पास होती है जबकि हवाई कंपनियों को एक निविदा द्वारा चुना जाता है।
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