चमलियाल मेला एक दिन दूर
सीमावर्ती गांव दग छन्नी में जीरो लाइन पर स्थित ऐतिहासिक बाबा चमलियाल दरगाह वीरवार को लगने वाले वार्षिक मेले की सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की प्रतीक विश्व प्रसिद्ध दरगाह पर 24 घंटे के बाद पारंपरिक रीति रिवाज से मेला शुरू होगा।
रामगढ़/विजयपुर। सीमावर्ती गांव दग छन्नी में जीरो लाइन पर स्थित ऐतिहासिक बाबा चमलियाल दरगाह वीरवार को लगने वाले वार्षिक मेले की सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की प्रतीक विश्व प्रसिद्ध दरगाह पर 24 घंटे के बाद पारंपरिक रीति रिवाज से मेला शुरू होगा। मेले को लेकर दोनों देशों के लोगों में खासा उत्साह है। पाकिस्तान के गांव सैदांवाली स्थित चमलियाल दरगाह पर साप्ताहिक मेला गत वीरवार से ही शुरू हो गया था।
पाकिस्तान की ओर से श्रद्धा की चादर को जीरो लाइन पर पूरे सम्मान के साथ कुबूल करने के लिए बीएसएफ अपनी तैयारी में जुटा हुआ हे। उधर, सिविल प्रशासन ने मेले को लेकर तमाम विभागों को सुविधाएं मुहैया करवाने के निर्देश जारी किए हैं। डीसी सांबा मुबारक सिंह ने बताया कि पीएचई, पीडीडी, आरएंडबी, खाद्य आपूर्ति विभाग, दूरसंचार विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित तमाम विभागों को आदेश दिए गए हैं कि वे एक दिन पहले से ही मोर्चा संभाल लें। मेला व नोडल अधिकारी और पुलिस व जिला प्रशासन ऐसी कोई कमी नहीं छोड़ रहा।
पड़ोसी राज्यों से पहुंचने लगे श्रद्धालु-
पड़ोसी राज्यों से श्रद्धालु दरगाह पर पहुंचने शुरू हो गए हैं। मेला कमेटी ने प्रशासन के सहयोग से श्रद्धालुओं के रहने, खाने व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के प्रबंध किए हैं। ऐसी मान्यता है कि चर्म रोग व चंबल से पीडि़त लोगों का विश्वभर में अगर इलाज होता है तो उसमें इसी मजार की मिट्टी व पानी का इस्तेमाल किया जाता है।
मनोरंजन के लिए सजा बाजार-
श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए दरगाह के पास दो दिन पहले से ही बाजार सज गए हैं। यहां बच्चों के लिए झूले लगाए गए हैं। यही नहीं खिलौनों व मिठाई की दुकानें और गन्ने के रस की रेहडि़यां लगनी शुरू हो गई हैं। मजार की ओर जाने वाली सड़क के दोनों और स्टाल सजने लगे हैं।
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