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पाप रूपी नैया का भगवान ही खेवनहार

शहर के साथ सटे दयारन के पाटा क्षेत्र में जारी धार्मिक सप्ताह में साहिल जी महाराज ने अपने प्रवचनों में भगवान को ही सबसे बड़ा खेवनहार बताया। मनुष्य को मोह-माया का पुतला बताया।

By Edited By: Published: Tue, 05 Jun 2012 01:19 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2012 01:19 PM (IST)

जम्मू। शहर के साथ सटे दयारन के पाटा क्षेत्र में जारी धार्मिक सप्ताह में साहिल जी महाराज ने अपने प्रवचनों में भगवान को ही सबसे बड़ा खेवनहार बताया। मनुष्य को मोह-माया का पुतला बताया। पाप रूपी नैया में बैठे व्यक्ति अपने कमरें से ही मोक्ष की प्राप्ति करते हैं और जो लोग भगवान को याद रखते हैं, उन्हें सांसारिक दुखों से छुटकारा मिलता है।

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पाटा में 31 मई से जारी सप्ताह में श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र हो रही है। रोजाना 3.30 बजे से 6.30 बजे तक साहिल जी महाराज संगत को अपने प्रवचनों से निहाल कर रहे हैं। आयोजक वीरेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, सुभाष शर्मा, शमशेर कुमार का कहना है कि सप्ताह 6 जून तक चलेगा और साहिल जी महाराज को सुनने रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

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