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Yogini Ekadashi 2022: योगिनी एकादशी पर बन रहा खास योग, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पारण का समय

Yogini Ekadashi 2022 योगिनी एकादशी का काफी महत्व है क्योंकि इसके बाद देवशयनी एकादशी पड़ती है जिसमें भगवान विष्णु अगले चार मास के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और भगवान शंकर सृष्टि का संचालन करते हैं। जानिए योगिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त और महत्व।

By Shivani SinghEdited By: Published: Thu, 23 Jun 2022 09:05 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2022 07:39 AM (IST)
Yogini Ekadashi 2022: योगिनी एकादशी पर बन रहा खास योग, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पारण का समय
Yogini Ekadashi 2022: योगिनी एकादशी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नई दिल्ली, Yogini Ekadashi 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह में दो एकादशी पड़ती हैं। पहली कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। वही आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी व्रत के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत तरीके से पूजा की जाती है। योगिनी एकादशी को काफी खास माना जाता है क्योंकि इस एकादशी में पूजा पाठ और व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। जानिए योगिनी एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

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योगिनी एकादशी के शुभ मुहूर्त

योगिनी एकादशी तिथि प्रारंभ- 23 जून को रात 9 बजकर 41 मिनट से

योगिनी एकादशी तिथि समाप्त- 24 जून को रात 11 बजकर 12 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त : 24 जून सुबह 11 बजकर 33 से 12 बजकर 28 तक।

योगिनी एकादशी पारण का समय- 25 जून सुबह 05 बजकर 47 मिनट से 8 बजकर 28 मिनट तक

सर्वार्थ सिद्धि योग - 24 जून को शुक्रवार को सुबह 05 बजकर 24 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 04 मिनट तक रहेगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक

योगिनी एकादशी की पूजा विधि

  • योगिनी एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कर लें।
  • इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण कर लें। पूजा घर की साफ सफाई करने के बाद पूजा आरंभ करें।
  • अब एक चौकी में पीले रंग का साफ कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित कर दें।
  • इसके बाद भगवान को पंचामृत से स्नान करा दें।
  • स्नान के बाद भगवान विष्णु को वस्त्र, माला आदि पहना दें।
  • अब भगवान को ताजे फूल, माला, पीला चंदन, हल्दी लगाएं।
  • एक पान के पत्ते में सुपारी, 2 लौंग, 1 रुपए का सिक्का और 2 बताशा रखकर भोग लगा दें।
  • इसके साथ ही मिठाई के साथ तुलसी दल अर्पित करें।
  • अब जल अर्पित कर दें।
  • जल अर्पण करने के साथ दीपक धूप जला दें।
  • भगवान विष्णु जी के मंत्र, चालीसा के बाद योगिनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।
  • अंत में विधिवत आरती कर लें।
  • दिनभर फलाहारी व्रत रखने के बाद शाम के समय फिर से भगवान विष्णु की आरती कर लें।
  • द्वितीया तिथि को विष्णु जी की पूजा करने के बाद व्रत का पारण कर दें।

Pic Credit- Instagram/_jadevine15_

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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