कलयुग में भी मौजूद हैं हनुमान साल के पहले मंगल पर करें उनकी करें पूजा
ऐसी मान्यता है की श्रीराम की आज्ञा से हनुमान जी मानव जाति की रक्षा के लिए आज भी मौजूद हैं, तो नये साल के पहले मंगलवार पर श्रद्धापूर्वक उनकी पूजा करें।
कलयुग में साक्षात
मान्यता है कि हनुमानजी ऐसे देव हैं, जो कलियुग में भी साक्षात् हैं। बाल ब्रह्मचारी और प्रभु श्रीराम के परम भक्त हैं। इन्हें पवनपुत्र भी कहते हैं। नये साल 2018 के प्रथम मंगलवार को उनकी आराधना करके पूरे साल को मंगलमय बनाने का आर्शिवाद पाया जा सकता है। आइये जानें उनके बारे में ऐसी कुछ बातें जो वर्तमान समय में किसी रहस्य से कम नहीं। इन बातों की उल्लेख हिदू धार्मिक ग्रंथो और रामायण के तमाम संस्करणों में उल्लेख मिलता है।
हनुमान जी से जुड़े कुछ तथ्य
हनुमानजी भगवान शिव के अवतार हैं। वह शक्ति, भक्ति, और दृढ़ता का प्रतीक माने जाते हैं। हनुमानजी की माता अंजनी पूर्वजन्म में अप्सरा थीं और एक शाप के कारण पृथ्वी पर जन्मीं थीं। हनुमानजी बचपन से ही भगवान श्रीराम को अपना आराध्य देव मानते थे। और जब वह श्रीराम से वह मिले तो प्रसन्नता के आंसुओं को रोक नहीं पाए। जब श्रीराम के अनुज लक्ष्मण जी मूर्छित हो गए तब हनुमानजी अपने एक हाथ पर ही पूरा एक पर्वत ले आए थे। वह इसीलिए क्योंकि उस पर्वत पर संजीवनी बूटी थी। जिससे से लक्ष्मण जी को मूर्छित अवस्था से दूर किया जा सके।
मंगल को करें हनुमान पूजा
ऐसा कहा जाता है कि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित हनुमान चालीसा का पाठ यदि मंगलवार को किया जाए तो बजरंगबली की कृपा उस भक्त पर हमेशा बनी रहती है। जब श्रीराम की मृत्यु हुई तब हनुमानजी ने मृत्यु के देवता यम रोक दिया था। बाद में स्थितियां बदलीं और श्रीराम विष्णुलोक गए। हनुमानजी ने श्रीराम को अंतिम समय में यह वचन दिया था। कि वह पृथ्वी पर अदृश्य रूप में रहकर राम नाम का स्मरण करते हुए महाप्रलय तक मौजूद रहेंगे। इसीलिए माना जाता है हनुमानजी आज भी हमारे बीच में हैं। और उन्हें सच्चे मन से याद किया जाए तो वह भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं।